शिरडी में सिर्फ 9 दिन में 16 करोड़ से ज्यादा का दान, जानें देश के 5 सबसे अमीर मंदिरों के बारे में
भारत में बहुत से प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. जहां कई मंदिरों के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह अपने आप में रहस्य समेटे हुए हैं.;
महाराष्ट्र में शिरडी साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट ने क्रिसमस की छुट्टियां मनाने, पुराने साल को अलविदा कहने और नए साल का स्वागत करने के लिए 25 दिसंबर, 2024 से 2 जनवरी, 2025 तक “शिरडी महोत्सव” का आयोजन किया था. इस 9 दिन के उत्सव के दौरान भक्तों के लिए खास व्यवस्था की गई थी, जिसमें शिरडी साईं बाबा के विशेष दर्शन के लिए वीआईपी पास भी शामिल थे.
इस आयोजन के दौरान 8 लाख से अधिक भक्तों ने शिरडी साईं बाबा के दर्शन किए और सामूहिक रूप से 16.61 करोड़ रुपये का दान दिया. यह भारत के सबसे अमीर मंदिरों की लिस्ट में शामिल है. ऐसे में चलिए जानते हैं शिरडी साईं बाबा के अलावा भारत के 5 सबसे अमीर मंदिर कौन से हैं.
तिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर
आंध्र प्रदेश का तिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है. इस मंदिर में कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. इसमें भगवान वेंकटेश्वर की 8 फीट ऊंची पवित्र मूर्ति है, जिसे आनंद निलय दिव्य विमान नामक सोने के गुंबद के नीचे रखा गया है. यह देश के सबसे अमीर मंदिर की लिस्ट में टॉप पर शामिल है. इस मंदिर में हर साल लगभग 650 करोड़ का दान चढ़ाया जाता है.
वैष्णो देवी मंदिर
वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, जहां दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं. यह हिंदुओं की गहरी धार्मिक आस्था का केंद्र है. इस मंदिर में हर साल लगभग 500 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है. इस मंदिर में लगभग 8 मिलियन तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते है, जिससे यह तिरुपति के बाद भारत का दूसरा सबसे अमीर है.
गोल्डन टेंपल
अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर सिखों के पूरे इतिहास, धर्म और संस्कृति का प्रतीक है. इस पवित्र स्थान को मूल रूप से श्री हरमंदिर साहिब के नाम से जाना जाता है.जहां गुरुद्वारे की ऊपरी मंजिलों का निर्माण 400 किलो सोने से किया गया है, जिसके कारण इसे 'स्वर्ण मंदिर' कहा जाता है. गुरुद्वारे में सिख धर्म की पवित्र पुस्तक 'गुरु ग्रंथ साहिब' रखी हुई है. इसके सामने की इमारत में एक संग्रहालय है, जो सिखों की पूरी कहानी बताता है. गुरुद्वारे में हर साल 500 करोड़ रूपये का दान मिलता है.
जगन्नाथ मंदिर
पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर अपने धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है. यह मंदिर हिन्दू धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जिसे चार धाम यात्रा में शामिल किया गया है. इस मंदिर की कई खासियतें हैं, जो इसे विशिष्ट और अद्भुत बनाती हैं.भगवान श्री जगन्नाथ की मूर्ति अन्य हिंदू देवताओं से अलग है. उनकी मूर्ति बहुत साधारण और बिना हाथों और पैरों के होती है, लेकिन वह भगवान श्री कृष्ण का ही रूप मानी जाती है.उनके साथ भाई बलराम और बहन सुभद्र की भी मूर्तियां होती हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार 150 करोड़ रुपये चढ़ावे के रूप में आते हैं.
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर
तिरुवनंतपुरम शहर में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. इसे द्रविड़ शैली में शानदार तरीके से डिज़ाइन किया गया है. इस मंदिर का मुख्य आकर्षण पद्मनाभस्वामी की मूर्ति है. बता दें कि इस मंदिर के नाम से ही शहर का नाम पड़ा है. मंदिर में सोने, सोने की मूर्तियों, प्राचीन चांदी, पन्ना, हीरे और पीतल सहित लगभग 90,000 करोड़ की कुल संपत्ति है. इस संग्रह में दो सुनहरे नारियल के गोले भी शामिल हैं जो कीमती पत्थरों से जड़े हुए हैं.