पुराने पेसमेकर हो सकते हैं रीसाइकल, ऐसे बचाई जा सकती है लोगों की जान
अमेरिका के मिशिगन के रिसर्चर्स सात देशों के 300 मरीजों पर किए गए अपने ट्रायल के शुरुआती रिजल्ट शेयर कर रहे हैं, जिनसे पता चलता है कि पेसमेकर जब सही तरीके से स्टरलाइज करके इंप्लांट कर दिए जाते हैं, तो नए पेसमेकर की तरह ही काम करते हैं.;
हार्ट पेसमेकर से पल्स प्रोड्यूस होते हैं. हालांकि, अभी तक पेसमेकर का इस्तेमाल एक ही बार किया जाता था, लेकिन अब कार्डियोलॉजिस्ट के अनुसार यूज किए गए पेसमेकर को फिर से तैयार किया जा सकता है और अमेरिका के बाहर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाने के लिए दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है.
मिशिगन के एन आर्बर में फ्रैंकल कार्डियोवैस्कुलर सेंटर के कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. थॉमस क्रॉफोर्ड ने बताया कि अमेरिका के विपरीत, पेसमेकर थेरेपी अक्सर कम और मिडल इनकम वाले देशों में लोगों के लिए उपलब्ध या सस्ती नहीं होती है. ऐसे में हमारा प्रोग्राम इसे बदलने के लिए डिटरमाइंड है.
क्लिनिकल ट्रायल रहे सक्सेसफुल
इस महीने की शुरुआत में डॉ. क्रॉफोर्ड की टीम ने शिकागो में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की मीटिंग में किए गए टेस्ट के रिजल्ट दिखाए, जिसमें नए डिवाइस के साथ रेनोवेटेड पेसमेकर के फंक्शन और सेफ्टी की तुलना की गई. जबकि ट्रायल में अफ्रीका और अमेरिका के सात देशों के केवल 300 लोग शामिल थे, जिसका रिजल्ट पॉजिटिव था.
पार्टिसिपेंट्स को नया या रेनोवेटेड पेसमेकर लेने के लिए चुना गया था.एक छोटा, बैटरी से चलने वाला डिवाइस जो इलेक्ट्रिकल पल्सेस का यूज करके हार्ट रिदम और रेट को कंट्रोल करता है.
डॉक्टरों के अनुसार पेसमेकर का उपयोग आम तौर पर एरिथमिया के इलाज के लिए किया जाता है. यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें दिल बहुत तेज़, बहुत धीमी या अनियमित रूप से धड़कता है. वे हार्ट चैंबर को सिंक में धड़कने में भी मदद कर सकते हैं, जिससे ऑर्गन के ब्लड पंप करने की क्षमता में सुधार होता है.
लाखों लोग नहीं खरीद सकते हैं ये डिवाइस
आंकड़ों के अनुसार हर साल दुनिया भर में एक से दो मिलियन लोग पेसमेकर और डिफाइब्रिलेटर तक पहुंच की कमी के कारण मर जाते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि इन पेसमेकर को स्किन के नीचे इम्प्लांट किया जाता है, जो इर्रेगुलर दिल की धड़कन को कंट्रोल करने में मदद करने के लिए इलेक्ट्रिकल इंपल्स देते हैं. नए डिवाइस के साथ रीकंडीशन किए गए पेसमेकर के फंक्शन और सेफ्टी की तुलना करते हुए इलेक्ट्रिकल इंपल्स ने कहा कि उन्होंने प्रोसेस के 90 दिनों के बाद भी पुराने डिवाइस के फंक्शन में कोई खास अंतर नहीं पाया है.
हालांकि, रीकंडीशन किए गए पेसमेकर वाले तीन लोगों की मौत हो गई और पांच को लोकलाइज इंफेक्शन हो गया था. रिचर्स ने कहा कि इनमें से कोई भी मौत इंप्लांट की खराबी से जुड़ी नहीं थी.
कहां से आते हैं रीसाइकिल पेसमेकर?
डॉक्टरों ने बताया कि रिसाइकिल किए गए पेसमेकर या तो उन लोगों से आते हैं जिनके पास यह डिवाइस था, जिनकी मौत हो गई है. साथ ही, जिन्हें बेहतर डिवाइस में अपग्रेड करने की जरूरत है. प्रोग्राम में चार साल से अधिक बैटरी लाइफ वाले पेसमेकर को मिशिगन लैब में रिप्रोसेस किया जाता है और कनेक्टिकट, यू.एस. में फिर से स्टरलाइज़ किया जाता है. कई रिसाइकिलिंग फर्म से आते हैं, जो सेमेट्री और क्रिमेट्री इंडस्ट्री को सर्विस देती है.
डॉ. किम ईगल, स्टडी को-राइटक और फ्रैंकल कार्डियोवैस्कुलर सेंटर के डायरेक्टर ने कहा कि हमने एक पब्लिश्ड रोडमैप बनाया है. आप चाहें, तो इस बारे में कि दुनिया भर के अन्य सेंटर और पार्टनर इस सबसे योग्य कारण में कैसे शामिल हो सकते हैं.