क्या है Atopic Dermatitis, स्किन पर हो रही है खुजली तो हो जाएं सावधान?
जीन, इम्यून सिस्टम और एनवायरमेंट एटोपिक डर्माटाइटिस की बीमारी का कारण हैं. बता दें कि लक्षणों की गंभीरता और जगह के आधार पर एटोपिक डर्माटाइटिस के साथ जीना मुश्किल हो सकता है.;
एटोपिक डर्माटाइटिस को एक्जिमा भी कहा जाता है. यह लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है, जो त्वचा की सूजन, रेडनेस और जलन का कारण बनती है. यह बचपन से ही शुरू हो जाती है. हालांकि, यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है. बता दें कि एटोपिक डर्माटाइटिस फैलने वाली बीमारी नहीं है.
एटोपिक डर्माटाइटिस के कारण स्किन में खुजली होती है. इसके चलते स्किन पर रेडनेस, सूजन, क्रैकिंग, फ्लूइड, पपड़ी और स्केलिंग हो जाती है. अगर एटोपिक डर्माटाइटिस की समस्या गंभीर हो जाती है, तो इसे फ्लेयर्स कहा जाता है. वहीं, जब स्किन कंडीशन में सुधार आता है, तो इसे रिमिशन कहा जाता है. चलिए जानते हैं एटोपिक डर्माटाइटिस के कारण से लेकर लक्षण के बारे में.
किसे हो सकता है एटोपिक डर्माटाइटिस?
एटोपिक डर्माटाइटिस एक आम बीमारी है, जो बचपन में ही नजर आने लगती है. कई बच्चों में एटोपिक डर्माटाइटिस टीनएज से पहले ही ठीक हो जाता है. वहीं, कभी-कभी यह बीमारी अडल्टहुड में हो जाती है. अगर फैमिली में एटोपिक डर्माटाइटिस, हे फीवर या अस्थमा की हिस्ट्री है, तो इस समस्या के होने की संभावना बढ़ जाती है.
इसके अलावा, रिसर्च से पता चलता है कि नॉन-हिस्पैनिक ब्लैक बच्चों में एटोपिक डर्माटाइटिस अधिक आम है. महिलाओं और लड़कियों में पुरुषों और लड़कों की तुलना में यह बीमारी थोड़ी ज्यादा होती है.
एटोपिक डर्माटाइटिस के लक्षण
एटोपिक डर्माटाइटिस का सबसे आम लक्षण खुजली है, जो गंभीर हो सकती है. वहीं, स्किन पर लाल, सूखे धब्बे, चकत्ते जो रिस सकते हैं, वीप क्लियर फ्लूइड या खरोंचने पर खून बह सकता है. इसके अलावा, स्किन का थिक और हार्ड होने भी एटोपिक डर्माटाइटिस के लक्षण हैं.
ये लक्षण शरीर में कहीं भी नजर आ सकते हैं. रैशेज उम्र के हिसाब से अलग-अलग होते हैं. जिन लोगों का स्किन टोन डार्क होता है, उन्हें सूजन वाली जगह पर रंग डार्क या हल्का दिख सकता है.
एटोपिक डर्माटाइटिस के कारण
कोई नहीं जानता कि एटोपिक डर्माटाइटिस किस कारण से होता है. हालांकि, रिसर्चर्स का कहना है कि स्किन की प्रोटेक्टिव लेयर में बदलाव के कारण इसमें मॉइश्चर खत्म होने लगता है. इसके कारण त्वचा रूखी हो सकती है, जिससे स्किन सूजन के साथ-साथ डैमेज हो सकती है. नए रिसर्च से पता चलता है कि
सूजन सीधे खुजली को को ट्रिगर करती है, जिसके ज्यादा खुजली करने लगते हैं. इससे त्वचा को ज्यादा नुकसान पहुंचता है और साथ ही बैक्टीरिया से इंफेक्शन का जोखिम भी बढ़ जाता है.