मिलावटखोरों से रहें सावधान, ऐसे करें नकली काजू की पहचान
त्यौहारों का मौसम आते ही बाजार में मिलावटखोरी धड़ल्ले से होने लगती है। इन दिनों खानपान की कई चीजों में मिलावट हो रही है। दूध-दही और मिठाइयों से लेकर ड्राई फ्रूट्स तक बाजार में नकली मिल रहे हैं।;
त्यौहारों का मौसम आते ही बाजार में मिलावटखोरी धड़ल्ले से होने लगती है। इन दिनों खानपान की कई चीजों में मिलावट हो रही है। दूध-दही और मिठाइयों से लेकर ड्राई फ्रूट्स तक बाजार में नकली मिल रहे हैं। दीवाली जैसे मौके पर काजू की खूब डिमांड होती है। ऐसे में मिलावटखोरों ने इसे भी नहीं छोड़ा है। नकली काजू खाने से आपको सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे- पाचन से जुड़ी समस्याएं, एलर्जी, फूड पॉइजनिंग, कमजोर इम्युनिटी या फिर लिवर और किडनी डैमेज होने का खतरा। अगर आप भी काजू खरीदने जा रहे हैं, तो आपको असली और नकली काजू में फर्क करना आना चाहिए।
वॉटर टेस्ट
असली और नकली काजू की पहचान करने के लिए आप वाटर टेस्ट भी ले सकते हैं। इसके लिए एक कटोरे में थोड़ा-सा पानी लें और उसमें एक-दो काजू डालें। असली काजू पानी में डूब जाएंगे, जबकि नकली काजू तैर सकते हैं।
आकार
असली काजू आकार में थोड़े अलग-अलग होते हैं और उनकी सतह थोड़ी खुरदरी होती है। किनारे थोड़े गोल और कुदरती दिखते हैं।
नकली काजू आमतौर पर एक समान आकार के होते हैं और उनकी सतह चिकनी होती है। किनारे शार्प और आर्टिफिशियल लग सकते हैं।
स्वाद से पहचानें
असली काजू का स्वाद थोड़ा मीठा और तेल वाला होता है।
नकली काजू का स्वाद फीका और आर्टिफिशियल लग सकता है।
रंग पर ध्यान दें
असली काजू का रंग हल्के भूरे से गहरे भूरे रंग तक होता है।
नकली काजू का रंग अक्सर बहुत शाइनी और आर्टिफिशियल लगता है।
टेक्सचर को समझें
असली काजू चबाने में थोड़े कुरकुरे होते हैं और आसानी से टूट जाते हैं।
नकली काजू चबाने में चिपचिपे लग सकते हैं और मुंह में एक अजीब-सी परत छोड़ सकते हैं।
वजन और महक
नकली काजू के मुकाबले असली काजू थोड़े ज्यादा भारी होते हैं। वहीं, असली काजू से एक हल्की और नेचुरल खुशबू आती है जबकि नकली काजू से आसानी से कोई गंध नहीं आती या फिर यह कुछ हद तक आर्टिफिशियल लग सकती है।