बच्चों की परवरिश में माता-पिता करते हैं ये गलती, जानें ले बुरे प्रभाव

कई बार बच्चे किसी जिद पर अड़ जाते हैं तो किसी भी बात नहीं सुनते हैं। ऐसे में अक्सर माता-पिता उन पर हाथ उठा देते हैं। हालांकि, बच्चे को कभी मारना नहीं चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे को मारने पर बच्चे में बदले की भावना आने लगती है।;

By :  स्टेट मिरर डेस्क
Updated On : 16 Oct 2024 9:01 PM IST

कई बार बच्चे किसी जिद पर अड़ जाते हैं तो किसी भी बात नहीं सुनते हैं। ऐसे में अक्सर माता-पिता उन पर हाथ उठा देते हैं। हालांकि, बच्चे को कभी मारना नहीं चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चे को मारने पर बच्चे में बदले की भावना आने लगती है। इससे बच्चे और माता-पिता के रिश्ते भी खराब हो सकते हैं। बच्चे को मारे बिना भी समझाया जा सकता है। आपको बताते हैं कि अगर आप बच्चों को मारते हैं तो इसका उन पर क्या असर पड़ सकता है।

ये भी हो सकते हैं प्रभाव

पिटाई खाने पर बच्चा माता-पिता से मन ही मन दूरी बनाना शुरू कर देता है। वह माता-पिता के सामने झिझकने लगता है। अगर बच्चे से कोई गलती भी होती है तो मार खाने के डर से वह अपनी गलती स्वीकारना नहीं चाहता और झूठ का सहारा लेने लगता है।

माता-पिता अक्सर ही बच्चे पर हाथ उठाते हैं तो इससे बच्चा खुदको कमतर समझने लगता है। बच्चे का आत्मविश्वास कम होने लगता है और अपनी ही नजर में बच्चा खुद को बेहद कमजोर और छोटा समझने लगता है।

जिन बच्चों की अक्सर पिटाई की जाती है वे या तो बहुत ज्यादा गुस्सैल होने लगते हैं या फिर उनका व्यवहार एकदम ही झेंपने वाला हो जाता है। दोनों ही स्थितियां सही नहीं हैं।

बच्चे को मारने का यह मतलब नहीं है कि इससे उसका व्यवहार सुधर जाएगा। हो सकता है कि मार खाने के बाद बच्चा पहले से ज्यादा बदतमीजी करने लगे। कई बार बच्चे ढीठ बनने लगते हैं और उन्हें मार खाने की आदत हो जाती है, उनका डर खत्म हो जाता है और वे बेहतर कि बजाय बुरा बर्ताव करने लगते हैं।

बच्चे को अगर प्यार से समझाया जाए तो वह अपनी गलती तो समझता ही है, साथ ही बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित भी हो सकता है। जबकि उसकी पिटाई की जाए तो उसमें अंदर ही अंदर घुटने वाली प्रवृत्ति आ सकती है।

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