नई पीढ़ी पर कंपनियों को नहीं हो रहा भरोसा, रिपोर्ट में सामने आई ये बड़ी वजह

Companies Firing Gen Z Employees: कंपनियां नई पीढ़ियों को नौकरी देने से कतरा ही नहीं रही है, बल्कि नौकरी पर रखे गए लोगों को भी बाहर का रास्ता दिखा रही है. इस मुख्य कारण है कि कंपनी 90 के दशक के जन्में युवाओं पर काम को लेकर भरोसा नहीं कर पा रही है. एक बिजनेसमैन ने कहा कि वे अगले साल भी नए कॉलेज ग्रैजुएट को काम पर रखने से परहेज कर सकते हैं.;

Companies Firing Gen Z Employees
Curated By :  सचिन सिंह
Updated On : 25 Sept 2024 6:05 PM IST

Companies Firing Gen Z Employees: दुनियाभर की कंपनियां 90 के दशक में जन्म लेने वाली पीढ़ियों पर भरोसा नहीं कर पा रही है. इंटेलिजेंट डॉट कॉम की एक नई रिपोर्ट में सामने आया कि कंपनियां जेनरेशन जेड कर्मचारियों को काम पर रखने के कुछ ही महीनों बाद तेजी से नौकरी से निकाल रही हैं. इसे लेकर रिपोर्ट में चौंकाने वाले कारण भी सामने आए हैं. ये रिसर्च 1000 से अधिक कंपनी मालिकों के साथ की गई.

रिपोर्ट से पता चला कि छह में से एक बिजनेसमैन का कहना है कि वे हाल ही में कॉलेज से ग्रैजुएट हुए युवाओं को काम पर रखने में हिचकिचाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे काम के लिए कितने तैयार हैं? साथ ही उनके कम्युनिकेशन स्किल और प्रोफेशनलिज्म पर भी संदेह होता है. साल 2024 में नौकरी पर रखे गए 10 फ्रेशर में से 6 को नौकरी से निकाल दिया गया. वहीं 7 में से एक बिजनेसमैन ने कहा कि वे अगले साल भी नए कॉलेज ग्रैजुएट को काम पर रखने से परहेज कर सकते हैं.

'जेनरेशन Z' का क्या है अर्थ?

1995 से 2012 के बीच जन्म लेने वाले आज के युवाओं को 'जेनरेशन Z' का नाम दिया गया है. अडवांस इंटरनेट और स्मार्टफोन के दौर में जन्मे बच्चों को Gen Z कहा जाता है. छली जेनरेशन की तुलना में ये सभी इंटरनेट और सोशल मीडिया में काफी तेज-तर्रार होते हैं. इनका तौर-तरीका और बोल-चाल भी काफी अलग होता है. बोलचाल की भाषा में Zoomers भी कहते हैं यानी कि जो लोग बेहद कम उम्र में डिजिटल, इंटरनेट और सोशल मीडिया से वाकिफ हो जाते है. पहली बार इस शब्द का इस्तेमाल प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में 2019 में सामने आया था.

फ्रेशर पर भरोसा नहीं तो दुनिया कैसे बढ़ेगी आगे?

इस रिपोर्ट ने लोगों के सामने एक बड़े सवाल को भी खड़ा कर दिया है कि अगर कंपनियां नई पीढ़ियों पर भरोसा नहीं कर पा रही है, तो आने वाले समय में ये दुनिया कैसे चलेगी? ये रिपोर्ट दुनिया भर के देशों की सरकारों को एक बड़ा चैलेंज भी है कि वह अपनी शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को कार्यशैली के लिए तैयार किया जा सके. नौकरी से निकाला जाना न सिर्फ उनके जीवनयापन को रोकता है, बल्कि उनके जीवन में निराशा को भी उत्पन्न करता है.

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