कम उम्र की लड़कियों में बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर के मामले
बीते कुछ सालों में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बहुत बढ़े हैं। चिंता की बात ये है कि अब यह जानलेवा बीमारी कम उम्र की लड़कियों को भी अपनी चपेट में ले रही है।;
बीते कुछ सालों में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले बहुत बढ़े हैं। चिंता की बात ये है कि अब यह जानलेवा बीमारी कम उम्र की लड़कियों को भी अपनी चपेट में ले रही है। बीते कुछ सालों में आपने भी आसपास के लोगों से लेकर कई सेलिब्रेटी महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने की खबर सुनी होगी। ऐसे में इसके बचाव और इसके लक्षणों पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है।
हाल ही में अमेरिकन कैंसर सोसाइटी द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि 50 वर्ष से कम आयु की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है। यह अध्ययन पिछले दशक में स्तन कैंसर के निदान और मृत्यु दर पर केंद्रित है।
अमेरिका में औसत जोखिम वाली महिलाओं के लिए 40 से 74 वर्ष की आयु में वार्षिक मैमोग्राम की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही महिलाओं को अपनी फैमिली मेडिकल हिस्ट्री पर चर्चा करने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, खासकर यदि परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का कोई केस रहा हो।
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए इसके शुरुआती स्टेज के लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में यदि आपको बिना दर्द का गांठ, स्तन में भारीपन, सूजन, और निप्पल में बदलाव, या डिस्चार्ज जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर कैंसर को शुरुआती स्टेज में ही पता लगा लिया जाए, तो इससे जान का खतरा कम हो जाता है और सफल इलाज की गुंजाइश बढ़ जाती है। ऐसे में महिलाओं को नियमित रूप से जांच कराते रहना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि युवा महिलाओं में बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एंजेला गियाक्विंटो, अध्ययन की मुख्य लेखक ने कहा कि यह बढ़ोतरी जनसंख्या में बदलते जोखिम कारकों के कारण हो रही है, जैसे कि बढ़ता हुआ वजन और प्रजनन दर में कमी।
खराब लाइफस्टाइल भी जिम्मेदार
स्टडी में फिजिकल एक्टिविटी की कमी को 7 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के मामलों के लिए जिम्मेदार पाया गया है। इसके अलावा, शराब का सेवन भी एक भूमिका निभाता है, खासकर 30 और 40 की उम्र की महिलाओं में।