इस बार दिल्ली में जलेंगे पटाखे... सुनवाई के दौरान SC ने कही ये 10 बड़ी बातें
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के दौरान पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अहम बातें कहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने का समय रात 8 बजे से 10 बजे तक निर्धारित करने का सुझाव दिया है और केवल एनईईआरआई के अप्रूव्ड ग्रीन पटाखे ही इस्तेमाल करने की अनुमति देने को कहा है.;
दिल्ली-एनसीआर में दिवाली की तैयारी इस साल थोड़ी अलग हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पांच दिन के लिए पटाखों पर लगी पूरी पाबंदी को अस्थायी तौर पर हटाने का संकेत दिया. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवाई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने कहा कि दिवाली और अन्य त्योहारों के दौरान पटाखों के उपयोग को कुछ समय सीमा तक अनुमति दी जाएगी.
अदालत ने अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है और इसे लागू करने के तरीके पर जल्द निर्णय लेने की बात कही. आइए जानते हैं सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और फैसले से जुड़ी 10 बड़ी बातें.
दिवाली के पांच दिन पटाखों की छूट
सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी तौर पर दिवाली के दौरान पटाखों पर लगी पाबंदी को हटाने की अनुमति दी है. यह फैसले फिलहाल परीक्षण के तौर पर लिया गया है और अदालत ने इसे समय के लिए बताया.
समय सीमा तय होगी
अदालत ने साफ किया कि पटाखों के उपयोग को कुछ निश्चित समय सीमा में ही अनुमति होगी. यह सुनिश्चित करेगा कि उत्सव का आनंद तो रहे, लेकिन प्रदूषण को नियंत्रित करने की कोशिश भी जारी रहे.
केंद्र ने बच्चों के उत्सव पर जोर दिया
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से दिवाली के समय में लचीलापन देने की अपील की. उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल दो घंटे तक उत्सव मनाने की सीमा नहीं होनी चाहिए और उन्हें पूरे उत्साह के साथ दिवाली मनाने दिया जाए.
सरकार ने प्रस्तावित किए कड़े टाइम विंडो
सरकार ने प्रमुख त्योहारों के लिए समय तय किया: दिवाली और अन्य प्रमुख त्योहारों पर रात 8 बजे से 10 बजे तक, नए साल की पूर्व संध्या पर 11.55 बजे से 12.30 बजे तक, और गुरुपर्व पर सुबह और शाम एक-एक घंटे के स्लॉट में पटाखे चलाने की अनुमति.
व्यक्तिगत अवसरों और शादियों में भी छूट
सरकार ने कोर्ट को बताया कि पटाखों का उपयोग शादियों और व्यक्तिगत अवसरों पर भी किया जा सकेगा. यह उत्सव को सामान्य जीवन में भी शामिल करने की कोशिश है.
ग्रीन पटाखों की गुणवत्ता पर चिंता
अमिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने चेतावनी दी कि बाज़ार में नकली ग्रीन पटाखे बिक रहे हैं. इन पर प्रदूषण कम करने वाले रसायन होने का दावा है, लेकिन असल में ये पारंपरिक पटाखों जितने ही प्रदूषण फैलाते हैं.
हवा की गुणवत्ता पर नजर
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 से 2024 तक दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में किसी सुधार की जानकारी मांगी. यह देखने के लिए कि पिछले अनुभवों के आधार पर पटाखों की छूट कितना सुरक्षित है.
प्रदूषण और पराली जलाने का असर
कोर्ट ने यह भी ध्यान दिलाया कि दिवाली का समय उत्तर भारत में पराली जलाने के मौसम के साथ मेल खाता है, जिससे पहले ही प्रदूषण स्तर ऊंचे होते हैं.
परीक्षण आधारित नीति
सुप्रीम कोर्ट ने इसे “ट्रायल बेसिस” पर अनुमति देने का निर्णय लिया है. यह भविष्य में प्रदूषण नियंत्रण के लिए नीति बनाने में मदद करेगा और यह देखा जाएगा कि इस उपाय से हवा की गुणवत्ता पर क्या असर पड़ता है.