Yearender 2024: साल की 10 ऐसी राजनीतिक घटनाएं, जो आने वाले समय में तय करेगी भारत का भविष्य

Yearender 2024: साल 2024 अपने पीछे कुछ ऐतिहासिक घटनाएं छोड़ रहा है, जिनका देश के राजनीतिक पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. इसी साल नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेकर इतिहास रच दिया.;

Yearender 2024
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 15 Dec 2024 5:12 PM IST

Yearender 2024: नए साल 2025 के स्वागत के लिए मंच तैयार है. ऐसे में साल 2024 अपने पीछे मिली-जुली यादें छोड़ रहा है, तो आइए राजनीतिक क्षेत्र में हुई प्रमुख घटनाओं पर एक नजर डालते हैं. इस साल लोकसभा चुनाव 2024, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर सहित कई प्रमुख राज्यों में चुनाव हुए, जिसने भारत के राजनीतिक को एक अलग दिशा देने का काम किया है, जिससे आने वाला भविष्य तय होने वाला है.

यहां देखिए 2024 में भारत में हुई टॉप 10 राजनीतिक घटनाओं की लिस्ट-

1. लोकसभा चुनाव 2024

19 अप्रैल से 1 जून 2024 के बीच 7 चरणों में हुए आम चुनाव 2024 साल की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक थे. चुनाव के नतीजे काफी चौंकाने वाले थे. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) अपने लक्ष्य 400 को पार नहीं कर पाई. भले ही एनडीए ये आंकड़ा पार नहीं कर सका लेकिन वह सत्ता पर बरकरार रही. नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले सके. दूसरी तरफ विपक्ष का इंडिया ब्लॉक पूरी तरह असफल रहा. हालांकि, कांग्रेस अपनी सीटों की संख्या 52 से बढ़ाकर 99 करने में सफल रही.

2. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे राजनीतिक विशेषज्ञों के लिए चौंकाने वाले रहे क्योंकि किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि राज्य में लोकसभा चुनाव की हार के कुछ ही महीनों बाद सत्तारूढ़ महायुति को भारी जीत मिलेगी. लोकसभा चुनाव की हार से उबरते हुए भाजपा ने 132 सीटें जीतीं और एकनाथ शिंदे की शिवसेना 57 सीटें और अजीत पवार की एनसीपी 41 सीटें हासिल कीं. कांग्रेस के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (MVA) को बड़ा झटका लगा. इस चुनाव में कांग्रेस 16 सीटें जीतीं. शरद पवार की एनसीपी (SP) को सिर्फ 10 सीटें मिली, जबकि उद्धव ठाकरे की (UBT) को 20 सीटें मिली.

3. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 एक ऐतिहासिक चुनाव रहा. यह आर्टिकल 370 के तहत राज्य को विशेष दर्जा न मिलने के एक दशक बाद हुआ था, जिसे 2019 में निरस्त कर दिया गया था. चुनाव में उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने शानदार वापसी करते हुए 42 सीटें जीती. वहीं भाजपा ने 29 सीटें जीतीं, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी 3 पर सिमट गई.

4. हरियाणा में विधानसभा चुनाव

भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में सत्ता बरकरार रखी. चुनाव से पहले पोलस्टर्स ने दावा किया था कि वहां सत्ता विरोधी लहर है. हालांकि, इसके बावजूद पार्टी ने तीसरी बार राज्य में शानदार वापसी की. इस दौरान कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा.

5. अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा न देने पर अड़े अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे उनकी पार्टी की सहयोगी आतिशी को दिल्ली का सीएम बनाया गया. आबकारी नीति घोटाला मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने कसम खाई थी कि दिल्ली की जनता के क्लीन चिट दिए जाने के बाद ही वह पद स्वीकार करेंगे. इसके जरिए उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए बड़ा दाव खेला है.

6. हेमंत सोरेन जेल जाना और चुनाव में प्रचंड जीत

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए साल 2024 कभी बुरा तो कभी शानदार रहा. नया साल उनके लिए एक बड़ा झटका लेकर आया और जनवरी में उन्हें जेल जाना पड़ा. हालांकि, बाद में वे वापस आ गए. जमानत पर रिहा हुए और विपक्षी भाजपा को हराकर एक बार फिर से झारखंड की सत्ता पर वापसी की. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में उनकी पार्टी ने 34 सीटें जीतीं और वे मुख्यमंत्री के रूप में वापस लौटे.

7. 2024 में भी नहीं सुलझा मणिपुर हिंसा का मुद्दा

मणिपुर में जातीय हिंसा का मुद्दा 2024 में भी नहीं सुलझा, जो मई 2023 में मैतेई और कुकी-ज़ो के बीच झड़पों के बाद शुरू हुआ था. इस साल भी हिंसा के कई दौर देखे गए, जिससे पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति बिगड़ गई.

8. प्रियंका गांधी वाड्रा की चुनावी जीत

नेहरू-गांधी परिवार की एक अन्य सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा ने 64.99% वोट शेयर के साथ वायनाड लोकसभा उपचुनाव जीतकर चुनावी डेब्यू किया. इसके साथ ही वह कांग्रेस की एक नई कहानी लिखले की तैयारी कर रही हैं.

9. राहुल गांधी की यूपी में वापसी

2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो सीटों - वायनाड और रायबरेली से चुनाव लड़ा. उन्होंने दोनों सीटों पर जीत दर्ज की. राहुल ने रायबरेली सीट को अपने पास रखने का फैसला किया जो उनका पारिवारिक गढ़ था. यह राहुल का दक्षिण से उत्तर की ओर एक बड़ा बदलाव था.

10. नवीन पटनायक की हार

नवीन पटनायक यकीनन ओडिशा के सबसे बड़े राजनेता रहे हैं, लेकिन साल 2024 उनके लिए बड़ा झटका साबित हुआ. पटनायक को बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा. ओडिशा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी 51 सीटों पर सिमट गई, जबकि BJP ने 78 सीटें जीतकर पटनायक के 24 साल लंबे शासन का अंत कर दिया.

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