केरल में लोकप्रिय फिटनेस प्रोग्राम MEC-7 क्यों बना विवाद की वजह? निशाने पर PFI और सलाहुद्दीन

केरल में एक लोकप्रिय फिटनेस प्रोग्राम MEC-7 विवाद की वजह बन गया है. आरोप है कि इस कार्यक्रम में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की राजनीतिक शाख जमात-ए-इस्लामी और एसडीपीआई घुसपैठ कर रहा है. इसे लेकर बीजेपी ने पिनाराई विजयन सरकार पर निशाना भी साधा है. जमात-ए-इस्लामी पर आरोप है कि वह इन कार्यक्रमों के जरिए हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के अपने अभियान को आगे बढ़ा रही है.;

Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 16 Dec 2024 1:59 PM IST

MEC-7, PFI: केरल में लोकप्रिय एक फिटनेस प्रोग्राम विवाद की वजह बन गया है. माकपा नेता पी मोहनन ने आरोप लगाया है कि प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राजनीतिक शाखा जमात-ए-इस्लामी और एसडीपीआई इस कार्यक्रम के जरिए अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं. हालांकि, बाद में मोहनन ने अपना रुख नरम कर लिया. वहीं, बीजेपी ने भी मामले को लेकर पिनाराई विजयन सरकार पर निशाना साधा है. असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के रूप में रिटायर होने से पहले 20 से अधिक सालों तक CISF के साथ रहे सलाहुद्दीन ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के लिए कोई संगठनात्मक संरचना या सदस्यता नहीं है. इसमें विभिन्न समुदायों के लोग अपनी इच्छा से भाग लेते हैं.

फिटनेस कार्यक्रम MEC-7 को 2012 में मलप्पुरम में लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियों से लड़ने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. पूर्व CISF सैनिक सलाहुद्दीन पी द्वारा शुरू किया गया यह कार्यक्रम 30 मिनट का है. यह मुख्य रूप से मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों में 1,000 से अधिक ग्रुपों में फैला हुआ है.

लगातार बढ़ रही समूह की लोकप्रियता

हर सुबह मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों में हज़ारों लोग सुबह-सुबह अपने स्थानीय मैदान में फिटनेस सत्र के लिए इकट्ठा होते हैं, जिसमें योग, व्यायाम, गहरी सांस लेना, एक्यूप्रेशर, फेस मसाज और मेडिटेशन शामिल होता है. इनमें महिलाएं भी शामिल होती हैं. वर्ग और समुदाय की सीमाओं को पार करते हुए फिटनेस पहल की लोकप्रियता के चलते दोनों जिलों के गांवों और शहरों में अधिक से अधिक समूह सामने आ रहे हैं.

'जमात-ए-इस्लामी और एसडीपीआई ने कार्यक्रम में की घुसपैठ'

सीपीआई(एम) कोझिकोड जिला सचिव मोहनन ने हाल ही में MEC-7 के बारे में चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि जमात-ए-इस्लामी और एसडीपीआई ने कार्यक्रम में घुसपैठ की है. उन्होंने कहा कि लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से लड़ना और फिजिकली फिट रहना सभी के लिए जरूरी है, लेकिन जमात-ए-इस्लामी और एसडीपीआई अपनी संकीर्ण राजनीति के लिए एमईसी-7 का इस्तेमाल कर रहे हैं.

'हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता है जमात'

मोहनन ने पिछले महीने कन्नूर में एक पार्टी मीटिंग में आरोप लगाया था कि जमात हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाना चाहता है. वह इस कार्यक्रम को अपने अभियान के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष समाज को ऐसे प्रयासों के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए. इससे पहले, जमात अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पर्यावरण आंदोलनों और मानवाधिकार मुद्दों का इस्तेमाल करती थी. इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एमईसी-7 में घुसपैठ की है.

मोहनन का रुख हुआ नरम

विवाद बढ़ने के साथ ही मोहनन ने रविवार को अपना रुख नरम कर लिया और दावा किया कि उनकी आलोचना एसडीपीआई, जमात और संघ परिवार जैसी ताकतों द्वारा अपनी सांप्रदायिक विचारधाराओं को फैलाने के लिए इस तरह की सार्वजनिक पहलों में घुसपैठ करने की संभावना पर केंद्रित थी. उन्होंने कहा कि हमें खुद एमईसी 7 से कोई समस्या नहीं है.

मोहनन ने कहा कि एमईसी-7 एक समावेशी सार्वजनिक स्थान पर काम करता है, जहां लोग धर्म, जाति या राजनीतिक संबद्धता की बाधाओं से परे इकट्ठा होते हैं. उन्होंने कहा कि यह सांप्रदायिक ताकतों द्वारा घुसपैठ के लिए इसे कमजोर बनाता है. यह पूछे जाने पर कि क्या संघ परिवार के संगठन भी इसमें शामिल हैं, मोहनन ने कहा कि अन्य संगठनों की तरह आरएसएस भी इस समस्या का हिस्सा है. उन्होंने RSS को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया. उन्होंने कहा कि एमईसी-7 पहल को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.

'इसमें अधिक मुस्लिम क्यों शामिल हैं'

सुन्नी मौलवी पेरोड अब्दुर्रहमान सकाफी ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि आस्थावानों को इस कार्यक्रम में नहीं फंसना चाहिए...यह आस्थावानों के खिलाफ है. एक अन्य स्थानीय सुन्नी नेता मुहम्मदली किनालूर ने आश्चर्य जताया कि इसमें अधिक मुस्लिम क्यों शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पीएफआई भी फिजिकल ट्रेनिंग के साथ इसी तरह से शुरू किया गया था. एमईसी-7 ने एक संगठनात्मक  रूप प्राप्त कर लिया है और मुस्लिम क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

सलाहुद्दीन ने क्या कहा?

सलाहुद्दीन ने बताया कि उन्होंने 2012 में मलप्पुरम में अपने गांव में व्यायाम मॉड्यूल लॉन्च किया था. उन्होंने बताया कि CISF से रिटायरमेंट के बाद, मैं अपने गांव के लिए कुछ करना चाहता था. इसलिए, मैंने 2010 में योग से शुरुआत की और दो साल बाद एक मॉड्यूल विकसित किया. प्रतिभागियों ने जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से राहत के बारे में अच्छी प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद मैंने दूसरे गांवों में भी कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया, जिसने कोविड-19 महामारी के बाद 2022 में गति पकड़ी. अब, हमारे पास लगभग 1,000 इकाइयां हैं, जहां 50 से 100 तक लोग रोजाना स्वेच्छा से कार्यक्रम में भाग लेते हैं.

'कोई भी पार्टी इस कार्यक्रम को हाईजैक नहीं कर सकती'

सलाहुद्दीन ने दावा किया कि कोई भी पार्टी इस कार्यक्रम को हाईजैक नहीं कर सकती. इसमें भाग लेने वाले सभी दलों और धर्मों से हैं. एमईसी-7 के लिए कोई संगठनात्मक संरचना या सदस्यता नहीं है. विभिन्न स्थानों पर लोग फिटनेस कार्यक्रम शुरू करने के लिए आगे आते हैं, एक बार उन्हें प्रशिक्षित करने के बाद, उनमें से कोई व्यक्ति प्रशिक्षक बन जाता है.

सलाहुद्दीन ने कहा कि राजनेता लोकप्रियता को लेकर चिंतित हैं और धार्मिक नेताओं या मौलवियों को डर है कि उन्हें धार्मिक कक्षाओं के लिए पुरुष और महिलाएं नहीं मिलेंगी. लोग हेल्थ रिजल्ट के बारे में जानते हैं. इसलिए एमईसी-7 की लोकप्रियता है.

फिटनेस कार्यक्रम से जुड़े लोगों के अनुसार, प्रतिभागियों को केवल MEC-7 लोगो वाली एक सफेद टी-शर्ट के लिए भुगतान करना पड़ता है, जिसे उन्हें दैनिक सत्रों में पहनना होता है. हाल ही में, इंडियन नेशनल लीग के विधायक और पिनाराई विजयन सरकार में पूर्व मंत्री अहमद देवरकोविल ने कोझिकोड में MEC-7 सत्र का उद्घाटन किया.  कोझिकोड दक्षिण से विधायक देवरकोविल ने कहा कि उन्हें फिटनेस सत्र में कुछ भी धार्मिक या राजनीतिक नहीं दिख रहा है. फिटनेस कार्यक्रमों के कारण समाज के एक विशेष वर्ग को क्यों अलग किया जाना चाहिए? यह सभी के लिए खुला है और अधिक लोग इसमें शामिल हो रहे हैं क्योंकि उन्हें इससे लाभ होता है.

'एमईसी-7 का विस्तार पूरे भारत में किया जाना चाहिए'

कांग्रेस के पलक्कड़ सांसद वीके श्रीकंदन ने रविवार को पट्टांबी में फिटनेस कार्यक्रम के नए सत्र का उद्घाटन करने के बाद एमईसी-7 का समर्थन किया. श्रीकंदन ने कहा कि एमईसी-7 का विस्तार पूरे भारत में किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह एक छोटा फिटनेस कार्यक्रम है, जिसमें मुझे कोई धर्म नहीं दिखा.

बीजेपी ने पिनाराई विजयन सरकार पर साधा निशाना

हालांकि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने पिनाराई विजयन सरकार पर निशाना साधते हुए  कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को एमईसी-7 के पीछे चरमपंथी संबंधों के बारे में क्यों नहीं बताया? अब यह स्पष्ट है कि सरकार ने चरमपंथियों की मदद की है. पूर्व केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि यह मानने के लिए पर्याप्त कारण हैं कि इस कार्यक्रम के पीछे पीएफआई और जमात का हाथ है. उन्होंने कहा कि इसलिए राज्य को सतर्क रहना चाहिए.

मुरलीधरन ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सीपीआई (एम) ने वास्तविकता को पहचान लिया है. हम सीपीआई (एम) द्वारा उठाए गए हर मुद्दे पर उनका विरोध नहीं करते हैं, लेकिन उन्हें कुछ तथ्यों का एहसास बहुत देर से होता है. उन्होंने दावा किया कि इस देरी के कारण वामपंथी पार्टी के कई लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं.

हाल ही में हुए उपचुनावों के दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आईयूएमएल के प्रदेश अध्यक्ष सादिक अली शिहाब थंगल पर निशाना साधते हुए उन पर जमात के कार्यकर्ता के रूप में काम करने का आरोप लगाया था. विजयन ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने जमात के समर्थन से वायनाड लोकसभा उपचुनाव लड़ा था.

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