ज्यादा खतरनाक किसकी मिसाइल? चीन की DF-5C या भारत की अग्नि 5, जानें क्या है किसकी ताकत

मिसाइल की ताकत के लिहाज से चीन की DF-5C ज्यादा लंबी दूरी और मल्टीपल वॉरहेड के कारण बेहतर है. वहीं, तकनीकी और व्यावहारिकता के हिसाब से भारत की अग्नि–5 ज्यादा आधुनिक, तेज और वास्तविक युद्ध-स्थिति में ज्यादा प्रभावी मानी जाती है. डोंगफेंग-5सी (DF-5C) मिसाइल की ताकत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इस मिसाइल का परेड में भव्य प्रदर्शन के बाद से लोग ‘शो स्टॉपर’ कहने लगे हैं.;

( Image Source:  Sora AI )

अमेरिका से टैरिफ व अन्य मसलों पर जारी तनातनी के बीच दो दिन पहले चीन ने अब तक का सबसे उम्दा विक्ट्री डे का आयोजन किया. इस मौके पर चीन ने अमेरिका को भी डराने वाले घातक मिसाइल DF-5C का प्रदर्शन किया. इस मिसाइल की मारक क्षमता इतनी है कि अमेरिका एक बार फिर बौखला उठा है. साथ ही इस बात की भी चर्चा होने लगी है कि भातर के अग्नि-5 और डीएफ-5सी में बेहतर और विनाशकारी मिसाइल कौन हैं? जानें इनकी खासियत और कौन है ज्यादा ताकतवर.

 दरअसल, भारत के रिपब्लिक डे की तरह चीन में भी विक्ट्री डे परेड सैन्य शक्ति के प्रदर्शन बड़ा अवसर होता है. हर साल की तरह इस बार भी चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने हाई-टेक हथियारों का प्रदर्शन किया, लेकिन इस बार के परेड को खास माना जा रहा है. ऐसा इसलिए कि चीनी सेना ने अभी तक विक्ट्री डे पर घातक हथियारों का सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन करने से बचता रहा है.

जहां तक बात चीन की DF-5C और भारत की अग्नि–5 की है, दोनों ही इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) हैं. ये अपनी-अपनी सेनाओं की 'स्ट्रेटेजिक डिटरेंस' क्षमता को मजबूत करती हैं. चीन की DF-5C जहां लंबी रेंज और मल्टीपल वॉरहेड तकनीक से लैस है, वहीं भारत की अग्नि–5 आधुनिक, मोबाइल और सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइल मानी जाती है.

चीनी सेना ने विक्ट्री डे परेड में केवल DF-5C ही नहीं बल्कि हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स, रोबोटिक डॉग ड्रोन, एंटी-शिप क्रूज मिसाइल और अनमैन्ड अंडरवाटर व्हीकल्स जैसे हथियार भी दिखाए गए. साफ है कि चीन सिर्फ जमीन ही नहीं बल्कि साइबर, समुद्र और एयर वॉर फेयर में भी अपनी तकनीकी बढ़त बना रहा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में PLA की यह शक्ति न केवल एशिया बल्कि वैश्विक मंच पर भी चीन की स्थिति को मजबूत करती है. हालांकि, अगर भारत और चीन की मिसाइलों की तुलना करें तो दोनों में अंतर देखने को मिलेगा.

 DF-5C बनाम अग्नि–5, बेहतर कौन?

 DF-5C (चीन)

रेंज: इसकी रेंज लगभग 12,000–15,000 किलोमीटर है. वारहेड क्षमता MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicle) टेक्नॉलजी पर आधारित है. यह अपने साथ 8–10 न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है.

लॉन्च प्लेटफॉर्म: साइलो-बेस्ड (जमीन के अंदर स्थायी ठिकानों से लॉन्च).

ईंधन: लिक्विड-फ्यूल (जिसे तैयारी में ज्यादा समय लगता है).

सटीकता: आधुनिक ICBM जितनी नहीं, लेकिन न्यूक्लियर डिटरेंस के लिए पर्याप्त.

ताकत: लंबी दूरी और मल्टीपल वॉरहेड से बड़े इलाके को एक साथ टारगेट कर सकता है.

अग्नि–5 (भारत)

रेंज: लगभग 5,000–8,000 किमी (आधिकारिक रूप से 5,000+, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार 7,500 किमी तक).

वारहेड क्षमता: एक न्यूक्लियर वॉरहेड (MIRV टेक्नॉलजी पर रिसर्च जारी, भविष्य में जोड़ी जाएगी).

लॉन्च प्लेटफॉर्म: रोड-मोबाइल और कैनिस्टर-बेस्ड (कहीं भी, जल्दी लॉन्च करने में सक्षम).

ईंधन: सॉलिड-फ्यूल (तेजी से लॉन्च होने योग्य, कम तैयारी समय).

सटीकता: CEP (Circular Error Probable) बहुत कम, यानी टारगेट पर ज्यादा सटीक.

ताकत: मोबाइल, तेज और आधुनिक टेक्नॉलजी से लैस.

 DF-5C से सुरक्षा के लिए खतरा क्यों?

भारतीय सुरक्षा के नजरिए से चीनी मिसाइल DF-5C भारत के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकती है. इसकी रेंज और पेलोड इसे न्यूक्लियर आर्मागेडन मिसाइल बनाती है. लेकिन कोई भी युद्ध सिर्फ मिसाइल की ताकत से तय नहीं होता. भारत ने पिछले दो दशकों में अपनी रक्षा प्रणाली और मिसाइल तकनीक को लगातार प्रभावी बनाया है. साथ ही तकनीकी रूप से भी उसे विकसित करने में जुटा है. भारत की न्यूक्लियर ट्रायड (जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमला करने की क्षमता) इसे DF-5C जैसे खतरे का मुकाबला करने में सक्षम बनाती है.

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