जिन पर लगे हैं गंभीर आरोप, वही कराएंगे VP चुनाव, जानें पी.सी. मोदी का बायो डेटा

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के साथ ही नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई. चुनाव आयोग ने रिटर्निंग ऑफिसर के रूप में राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी की नियुक्ति की घोषणा की, लेकिन इस पर जमकर बवाल मच रहा है, क्योंकि पी.सी. मोदी के करियर पर कई बार सवाल उठ चुके हैं.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 26 July 2025 1:21 PM IST

21 जुलाई की दोपहर राजनीति के गलियारों में हलचल मच गई. देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, लेकिन जानकारों की नजर में यह सिर्फ एक बहाना था. सूत्रों के मुताबिक, असल वजह एक गंभीर राजनीतिक टकराव थी. धनखड़ द्वारा विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार करना, जो सरकार को नागवार गुजरा.

धनखड़ का कार्यकाल वैसे भी विवादों से घिरा रहा था. उन पर विपक्ष ने सरकार का पक्ष लेने, सांसदों पर विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई और कई बार लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तोड़ने के आरोप लगाए थे. दिसंबर 2024 में तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया, जिसे उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था. अब, जब उन्होंने पद से हटने का फैसला किया है, तो देश में नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया तेज हो गई है. राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी को रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है, जिन पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. चलिए जानते हैं पी.सी. मोदी का पूरा बायो डेटा. 

विवादित चेहरा बना रिटर्निंग ऑफिसर

शुक्रवार को चुनाव आयोग ने राज्यसभा महासचिव पी. सी. मोदी को आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव का रिटर्निंग ऑफिसर अपॉइंट किया. उनके साथ, राज्यसभा सचिवालय में कार्यरत गरिमा जैन और विजय कुमार को सहायक रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है. हालांकि यह प्रक्रिया सामान्य प्रतीत होती है, लेकिन पी. सी. मोदी की नियुक्ति ने राजनीतिक हलकों में एक बार फिर विवाद की चिंगारी भड़का दी है.

कौन हैं पी.सी. मोदी और क्यों उठ रहे हैं सवाल?

पी. सी. मोदी एक सीनियर अफसर हैं. वे 1982 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी रहे हैं और मई 2021 में उन्होंने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट लिया. रिटायर होने के कुछ महीने बाद नवंबर 2021 में उन्हें राज्यसभा का महासचिव बनाया गया. लेकिन उनकी यह नियुक्ति भी बिना विवाद के नहीं रही, क्योंकि इसे लेकर काफी सवाल उठे और चर्चा हुई.

विवादों से घिरे रहे हैं पी.सी. मोदी का करियर

पी.सी. मोदी का नाम इससे पहले भी विवादों में आया है. मुंबई के तत्कालीन इनकम टैक्स कमीश्नर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक शिकायत भेजी थी, जिसमें आरोप था कि पीसी मोदी ने एक संवेदनशील मामले को दबाने का निर्देश दिया था. शिकायत में यह भी कहा गया था कि एक विपक्षी नेता के खिलाफ छापेमारी की सफलता के कारण उन्होंने अपना पद सुरक्षित कर लिया. इसके बावजूद, उन्हें सेवा विस्तार मिलता रहा, एक बार नहीं, बल्कि तीन बार. इन घटनाओं ने उनके करियर पर सवालिया निशान खड़े किए.

रिटर्निंग ऑफिसर का क्या काम होता है? 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66(1) के मुताबिक, उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सांसद मिलकर करते हैं. यह चुनाव एक खास तरीके से होता है जिसे आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली कहा जाता है, जिसमें सिंगल ट्रांसफरेबल वोट और गुप्त मतदान का इस्तेमाल होता है. इस पूरी चुनाव प्रक्रिया में रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका बहुत जरूरी होती है. वह नामांकन से लेकर वोटों की गिनती तक की हर कानूनी और तकनीकी प्रक्रिया की देखरेख करता है.

क्या होगा आगे?

अब जबकि रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति हो चुकी है, चुनाव आयोग जल्द ही उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखें घोषित कर सकता है. लेकिन जिस तरह रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति पर विवाद गहराया है, उससे साफ है कि यह चुनाव सिर्फ औपचारिक नहीं होगा. इसके पीछे सियासी चालें और रणनीतियां भी काम कर रही हैं. धनखड़ का इस्तीफा सिर्फ एक पद खाली होने की खबर नहीं है, यह भारतीय लोकतंत्र के उस हिस्से को भी उजागर करता है, जहां सत्ता, संस्थाएं और संवैधानिक प्रक्रिया एक-दूसरे से टकराती रहती हैं.

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