NEET-UG 2024: Sanjeev Mukhiya को पेपर लीक में हासिल है महारत, जानें कैसे चलाता है अपना गोरखधंधा
NEET-UG 2024 पेपर लीक गैंग के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. यह पहली बार नहीं है जब संजीव ने पेपर लीक किए हो. वह इस गोरखधंधे में महारत हासिल कर चुका है.;
इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट ने 21 जून 2024 में पेपर लीक के गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें परमजीत सिंह, बलदेव कुमार, प्रशांत कुमार, अजीत कुमार और राजीव कुमार शामिल थे. अब NEET-UG 2024 के कथित मास्टमाइंड को पकड़ लिया गया है. यह काम बिहार की ईओयू, एसओजी और स्पेशल टास्क फोर्स की जॉइंट टीम ने मिलकर एक अपार्टमेंट में छापा मारा, जहां संजीव मुखिया को गिरफ्तार किया गया.
संजीव मुखिया के पेपर लीक की शुरुआत 1990 के दशक में की. इस दौरान वह नालंदा के हिलसा के कुख्यात पेपर लीक करने वाले रंजीत डॉन के लिए काम करता था. रंजीत ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री खरीदी थी. संजीव ने अपना नेटवर्क बनाने के लिए रंजीत से ट्रेनिंग ली थी.
ब्लूटूथ डिवाइस से करवाता था नकल
संजीव नालंदा के नूरसराय में उद्यान विद्यालय में टेक्निकल असिस्टेंट है. वह कथित तौर पर ईओयू "ऑर्गेनाइज्ड एंड प्रोफेशनल" इंटरस्टेट सॉल्वर गैंग को ऑपरेट करता है. एडीजी खान के अनुसार संजीव ने यह पहली बार नहीं किया है. साल 2010 में संजीव का नाम ब्लूटूथ डिवाइस से एग्जाम में नकल करने में सामने आया था.
हर लेवल के पेपर लीक में हासिल है महारत
इसके बाद साल 2016 में उत्तराखंड पुलिस ने कांस्टेबल पेपर लीक के मामले में संजीव को अरेस्ट किया था. इसी दौरान वह बिहार में उसे ब्लॉक लेवल के एग्जाम में घोटाले के लिए पुलिस ने दबोचा था.
ऐसे चलाता था गोरखधंधा
एडीजी ने खुलासा किया कि मुखिया ने कथित तौर पर कैंडिडेट्स को गेस्ट हाउस में बुलाता था. इसके बाद उन्हें कमरे में बंद कर रात भर सवाल के जवाब याद करवाता था. इतना ही नहीं, वह पकड़ा न जाए इसके लिए फिजिकल कॉपी भी नहीं देता था.
8-15 लाख रुपये था चार्ज
संजीव मुखिया ऐसे लोगों को अपना निशाना बनाता था, जिनके पास अपने बच्चों के फ्यूचर के लिए पैसे होते थे. वह हर कैंडिडेट से 8-15 लाख रुपये लेता था.