होली पर लगातार बढ़ रही गर्मी! ठंडे क्षेत्रों के तापमान में भी हुई बढ़ोत्तरी, क्लाइमेट चेंज वजह तो नहीं?

मार्च में होली का त्योहार आते ही तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है. पहले जहां हल्की ठंड रहती थी, अब गर्मी तेज हो गई है. वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से 14 मार्च को हल्की बारिश हो सकती है. 1970 से तापमान में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिससे ग्लोबल वॉर्मिंग का असर साफ दिख रहा है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 11 March 2025 2:38 PM IST

हर साल सर्दियों के बाद मार्च में पूरे भारत में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. रंगों का यह पर्व खुशियों और उत्साह से भरपूर होता है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से इस दौरान तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है. जहां पहले होली के समय हल्की ठंडक रहती थी, वहीं अब गर्मी का असर तेज हो गया है. राजधानी में तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है.

बदलते मौसम के इस पैटर्न ने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है. मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में और बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. अगले हफ्ते अधिकतम तापमान 33 से 34 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे गर्मी और तेज हो सकती है. हालांकि, 14 मार्च को होली के दिन दिल्ली के कुछ इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है, जिससे मौसम में थोड़ी राहत मिल सकती है.

एक्टिव हो रहा पश्चिमी विक्षोभ

मौसम वैज्ञानिक रंजन कुमार के अनुसार, 12 मार्च से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है, जिससे उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली एनसीआर में 20 मार्च के बाद भी बारिश की संभावना बनी रहेगी. यह बदलाव फसलों और मौसम के मिजाज पर असर डाल सकता है.

होली में होगी बारिश

मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर अतुल सिंह का कहना है कि अगले पांच दिनों में तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी. अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक जबकि न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की जा सकती है. पश्चिमी विक्षोभ के असर से 13 से 15 मार्च के बीच उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है, जबकि आसपास के राज्यों में 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है.

1970 से लगातार बढ़ रहा तापमान

अमेरिका के क्लाइमेट संगठन की रिसर्च के अनुसार, मार्च और अप्रैल में भारत में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. 1970 के बाद के आंकड़ों का विश्लेषण बताते हैं कि मार्च में उत्तर और पश्चिमी भारत में सबसे ज्यादा गर्मी बढ़ी है. जम्मू-कश्मीर में 2.8 डिग्री सेल्सियस और अप्रैल में मिजोरम में 1.9 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई. पहले जहां मार्च में तापमान शायद ही 40 डिग्री तक पहुंचता था, अब यह आम होता जा रहा है.

गर्मी और बढ़ने का है अनुमान

क्लाइमेट चेंज पर रिसर्च करने वाले साइंटिस्ट का कहना है कि सर्दियों के बाद अचानक बढ़ती गर्मी जलवायु परिवर्तन का साफ संकेत है. ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण मार्च में हीटवेव अब ज्यादा देखने को मिल रही हैं. उनका कहना है कि आने वाले वर्षों में भी यह पैटर्न जारी रह सकता है, जिससे होली के मौसम में और अधिक गर्मी महसूस की जाएगी.

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