आखिर हो क्या रहा मणिपुर में? इन 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में लागू हुआ AFSPA
गृह मंत्रालय ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर घोषणा की कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को मणिपुर राज्य में छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, हालांकि 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को इससे बाहर रखा गया है. आधिकारिक बयान के अनुसार, पूरे मणिपुर को, पांच जिलों के 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर, एक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया है.;
गृह मंत्रालय ने रविवार को एक आधिकारिक बयान जारी कर घोषणा की कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को मणिपुर राज्य में छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, हालांकि 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को इससे बाहर रखा गया है. आधिकारिक बयान के अनुसार, पूरे मणिपुर को, पांच जिलों के 13 पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर, एक 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया है. यह अधिसूचना 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी और अगले छह महीने तक लागू रहेगी, जब तक कि इसे पहले वापस नहीं लिया जाता.
इसके अलावा, गृह मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लॉन्गडिंग जिलों तथा तीन पुलिस थाना क्षेत्रों में भी AFSPA को छह महीने के लिए बढ़ाने की घोषणा की है. इसी तरह, नागालैंड के आठ जिलों और पांच अन्य जिलों के 21 पुलिस थाना क्षेत्रों को भी AFSPA के दायरे में लाया गया है.
गौरतलब है कि फरवरी 2025 से मणिपुर राष्ट्रपति शासन के अधीन है और विधानसभा को निलंबित रखा गया है. इससे पहले, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई थी. बीरेन सिंह, जो 2017 से मणिपुर में भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, ने मई 2023 से जारी जातीय हिंसा के कारण इस्तीफा दे दिया. इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.