क्या बिहार के बाद अब बंगाल में भी होगा SIR? CEC ज्ञानेश कुमार ने दिया बड़ा बयान
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में SIR कब होगी, इस पर फैसला चुनाव आयोग उचित समय पर करेगा. 2002 में हुए SIR का डेटा हाल ही में प्रकाशित किया गया है, जिसमें 11 जिलों को शामिल किया गया था. इस बीच ममता बनर्जी ने बिहार में चल रहे SIR का विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि बंगाल में इसे लागू नहीं होने देंगी और BLOs से मतदाताओं को परेशान न करने को कहा. बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में होने हैं.;
West Bengal SIR: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में Special Intensive Revision (SIR) कराने के बारे में चुनाव आयोग (ECI) उचित समय पर निर्णय करेगा. उन्होंने यह बात नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बंगाल में SIR की संभावना के सवाल पर कही.
CEC ने बताया, “हम तीनों चुनाव आयुक्त मिलकर उचित समय पर निर्णय लेंगे. पश्चिम बंगाल या अन्य राज्यों में SIR कब आयोजित करना है, यह उसी समय घोषित किया जाएगा.”
आयोग ने 2002 में बंगाल में जारी किया था SIR डेटा
जुलाई में ECI ने 2002 में पश्चिम बंगाल में आयोजित SIR की डेटा जारी किया था. यह जानकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर Electoral Roll of SIR, 2002 के तहत प्रकाशित हुई. इसमें राज्य के 23 जिलों में से 11 जिलों, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, नदिया, हावड़ा, हुगली, मध्यप्रदेश और बांकुरा, के 103 विधानसभा क्षेत्रों का विवरण शामिल है.
तृणमूल कांग्रेस ने की बिहार SIR की आलोचना
राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बिहार में SIR की आलोचना करते हुए इसे NRC को चुपचाप लागू करने की साजिश बताया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को स्पष्ट कहा कि बंगाल में SIR नहीं होने दिया जाएगा और बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) को निर्देश दिया कि मतदाता सूची से किसी का नाम न हटाए जाए और जनता को परेशान न किया जाए.
“किसी को अनावश्यक परेशान न करें”
बनर्जी ने कहा, “चुनाव आयोग केवल चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद ही हस्तक्षेप करता है. तब तक प्रशासन राज्य सरकार के अधीन है. आप राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, किसी को अनावश्यक परेशान न करें.” पश्चिम बंगाल में अगले विधानसभा चुनाव 2026 में होने हैं.