'हम चाहते हैं कि...', औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग पर क्या बोले CM फडणवीस?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार का औरंगजेब की कब्र की रक्षा करना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने यह बयान छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित इस कब्र को हटाने की बढ़ती मांगों के बीच दिया. फडणवीस ने कहा कि कानून के दायरे में रहते हुए ही कोई भी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि यह स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है, जो कांग्रेस शासन के दौरान हुआ था.;
Devendra Fadnavis On Aurangzeb: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार का मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र की रक्षा करना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि औरगंजेब की कब्र को हटाने की सभी की इच्छा है, लेकिन यह एक संरक्षित स्मारक है, जिसे हटाने के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है. यह मुद्दा तब सामने आया, जब भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं, ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की.
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार भी औरगंजेब के कब्र को हटाना चाहती है, लेकिन उनकी सरकार कानूनी दायरे में रहकर उचित कार्रवाई करेगी, क्योंकि यह स्थल कांग्रेस सरकार के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है.
अबू आजमी के बयान के बाद बढ़ा विवाद
बता दें कि यह विवाद समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आज़मी के औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले बयान के बाद बढ़ा. आज़मी ने कहा था कि इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है. औरंगजेब को एक क्रूर शासक नहीं माना जाना चाहिए. उनके इस बयान के बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया.
'कानूनी दायरे में रहकर सरकार करेगी उचित कार्रवाई'
फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार कानूनी दायरे में रहकर उचित कार्रवाई करेगी, क्योंकि यह स्थल कांग्रेस सरकार के दौरान ASI के संरक्षण में लाया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि शिवाजी महाराज के प्रयासों के कारण ही आज हम अपने देवताओं की स्वतंत्र रूप से पूजा कर सकते हैं. शिवाजी महाराज ने स्वराज्य, धर्म और देश के लिए संघर्ष किया.
क्या कहता है ASI का नियम?
ASI के नियमों के अनुसार, संरक्षित स्मारकों के 100 मीटर के भीतर कोई निर्माण कार्य अनुमति नहीं है. वहीं, 200 मीटर के नियंत्रित क्षेत्र में गतिविधियों के लिए स्वीकृति आवश्यक होती है. सरकारी अधिकारियों समेत कोई भी व्यक्ति आधिकारिक अनुमति के बिना संरक्षित स्मारक को नष्ट, हटा या बदल नहीं सकता.
औरंगजेब की मृत्यु कब और कैसे हुई?
औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 को अहमदनगर, महाराष्ट्र में हुई थी. औरंगजेब अपनी मृत्यु के समय लगभग 88 साल का था. वृद्धावस्था के कारण उसका शरीर कमजोर हो गया था और वह कई बीमारियों से ग्रसित था. उसने लगभग 50 साल तक शासन किया. उसके शासनकाल के अंतिम वर्षों में उन्हें कई विद्रोहों और युद्धों का सामना करना पड़ा. खासतौर पर मराठा, सिख, राजपूत, और जाटों के विद्रोहों ने उनकी स्थिति को कमजोर कर दिया था. दक्षिण भारत में मराठाओं के खिलाफ लंबे समय तक युद्ध करने के कारण उनका स्वास्थ्य और शक्ति धीरे-धीरे समाप्त हो गई.