VPF टैक्स फ्री ब्याज की बढ़ने वाली है लिमिट! केंद्र सरकार ले सकती है फैसला, मिडिल क्लास को मिलेगा लाभ

वर्तमान में स्वैच्छिक भविष्य निधि 2.5 लाख रुपये अधिक अर्जित कोई भी ब्याज टैक्स के तहत आता है. लेकिन सरकार इसे टैक्स फ्री करने का फैसला ले सकती है. इस प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है और वित्त वर्ष 2026 के बजट विचार-विमर्श के दौरान वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा कर सकता है.;

Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 25 Oct 2024 12:21 PM IST

EPFO: केंद्र सरकार ने मिडिल क्लास लोगों को बड़ी सौगात देने वाली है. सरकार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF) में टैक्स फ्री योगदान की सीमा को बढ़ाने का विचार कर रही है.

वर्तमान में स्वैच्छिक भविष्य निधि 2.5 लाख रुपये अधिक अर्जित कोई भी ब्याज टैक्स के तहत आता है. लेकिन सरकार इसे टैक्स फ्री करने का फैसला ले सकती है. इससे निम्न-मध्यम और मध्यम आय वाले व्यक्तियों को ईपीएफओ के माध्यम से अपनी बचत को बढ़ाने में मदद मिलेगी.

क्या है सरकार का प्लान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रम मंत्रालय वर्तमान में VPF में टैक्स फ्री योगदान की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रहा है. इस प्रस्ताव की समीक्षा की जा रही है और वित्त वर्ष 2026 के बजट विचार-विमर्श के दौरान वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा कर सकता है.

क्या है स्वैच्छिक भविष्य निधि?

वीपीएफ एक वैकल्पिक योजना है. जिसमें सैलरी कर्मचारी अनिवार्य ईपीएफ के अतिरिक्त अपनी बचत को बढ़ाने के लिए योगदान दे सकते हैं. इसके तहत ईपीएफ के समान ही ब्याज मिलता है जो साल में दो चरण पर सालाना आधार पर जारी किया जाता है. इसमें अधिकतम योगदान बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 100 फीसदी तक हो सकता है, जो EPF के समान ब्याज दर पर अर्जित होता है. पांच साल हो जाने पर पहले निकासी करने पर यह राशि कर के अधीन हो सकती है.

कितने अमाउंट पर होगा टैक्स फ्री

वीपीएफ में 2.5 लाख रुपये से अधिक कर मुक्त ब्याज प्राप्त करने की सीमा को 2022 के बजट में लागू की गई थी. इसका उद्देश्य हाई क्लास के कर्मचारियों को इस योजना का उपयोग कर बैंक या सावधि जमा के मुकाबले अधिक कर मुक्त ब्याज अर्जित करने से रोकना था. अब सरकार इस सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रही है.

20 लाख करोड़ रुपये का फंड

जानकारी के अनुसार EPFO के पास 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड है. इनमें 7 करोड़ से अधिक मासिक अंशदाता और 75 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं. कर्मचारी VPF में अधिकतम 100 फीसदी तक का योगदान कर सकते हैं, जो उनकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते पर आधारित होता है. इनमें मिलने वाला ब्याज ईपीएफ के समान होता है, जो लंबे समय से 8 प्रतिशत से अधिक दर पर मिलता है.

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