80 रुपये में वोटरों की किस्मत का सौदा! कर्नाटक में फर्जी तरीके से हटाए गए 6000 वोट, SIT ने खोल दी पोल

कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर 2023 चुनावों में मतदाता सूची से 6,000 से अधिक वोट हटाने का खुलासा हुआ है. SIT की जांच में छह संदिग्ध सामने आए और फर्जी वोट डिलीशन के लिए 80 रुपये प्रति आवेदन की जानकारी मिली. CID और SIT ने VoIP के जरिए हुई फर्जीवाड़ा कार्रवाई का पर्दाफाश किया. कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. SIT अब आरोपियों की गिरफ्तारी और सबूतों की पुष्टि में जुटी है.;

( Image Source:  Sora ai )
Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On :

कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने 2023 विधानसभा चुनावों के दौरान आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची से नाम हटाने की कथित साजिश के गंभीर सबूत पाए हैं. जांच में छह संदिग्धों की पहचान की गई है और अनुमानित तौर पर 6,000 से अधिक वोट फर्जी ढंग से हटाए गए. SIT सूत्रों के मुताबिक, यह काम आलंद के एक साइबर सेंटर में किया गया और ऑपरेटरों को प्रति आवेदन 80 रुपये दिए गए.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक जांच में पता चला कि दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच VoIP (Voice Over Internet Protocol) के माध्यम से वोट डिलीशन रिक्वेस्ट भेजी गई. CID अधिकारी के अनुसार, लगभग 6,994 आवेदन भेजे गए, जिनमें अधिकांश फर्जी थे और खासकर दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं को निशाना बनाया गया. CEO ने तुरंत यथास्थिति बनाए रखने के आदेश देकर सभी डिलीशन रोक दिए.

मुख्य आरोपी दुबई में, ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी

जांच में मुख्य गड़बड़ी मोहम्मद अशफाक तक पाई गई, जिन्हें फरवरी 2023 में पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था. वर्तमान में अशफाक दुबई में हैं और उन्हें खोजने के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जा रहा है. SIT इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

कांग्रेस नेताओं ने सबसे पहले उठाया मुद्दा

आलंद, कलबुर्गी जिले का हिस्सा, कांग्रेस विधायक बी.आर. पाटिल का क्षेत्र है. उन्होंने और मंत्री प्रियंक खड़गे ने सबसे पहले मुख्य चुनाव अधिकारी से शिकायत की थी. कांग्रेस सरकार ने इसके बाद SIT का गठन किया, जिसकी अगुवाई एडीजीपी बी.के. सिंह कर रहे हैं. राहुल गांधी ने भी आलंद में वोट चोरी के आरोप लगाकर मामले को राजनीतिक रंग दिया.

प्रियंक खड़गे का तीखा हमला

प्रियंक खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “आलंद में केवल 80 रुपये में वोटर डिलीट किए गए. SIT की जांच से स्पष्ट हुआ कि 6,000 से ज्यादा मतदाताओं के नाम पैसे लेकर हटाए गए. यह लोकतंत्र के खिलाफ गंभीर हमला है. पूरी प्रक्रिया कलबुर्गी से संचालित हो रही थी और इसमें भाजपा नेताओं और उनके सहयोगियों की संलिप्तता दिखाई दे रही है.”

BJP नेताओं के घरों पर छापेमारी

17 अक्टूबर को SIT ने पूर्व BJP विधायक सुभाष गुट्टेदार, उनके बेटों और चार्टर्ड अकाउंटेंट मल्लिकार्जुन महंतगोल के घरों पर छापेमारी की. इस दौरान सात लैपटॉप और कई मोबाइल फोन जब्त किए गए. जांच में उनके शामिल होने की पुष्टि करने के लिए ये उपकरण महत्वपूर्ण सबूत माने जा रहे हैं.

कांग्रेस का आरोप: लोकतंत्र पर हमला

कांग्रेस ने SIT की कार्रवाई को “लोकतंत्र पर सीधा हमला” करार दिया. पार्टी ने कहा कि वोट हटाने की कीमत मात्र 80 रुपये थी और यह मामला सिर्फ एक विधानसभा सीट का है. कांग्रेस ने भाजपा पर गरीब और वंचित मतदाताओं के अधिकारों को छीने जाने का आरोप लगाया.

SIT की दिशा पर संतुष्टि

आलंद विधायक बी.आर. पाटिल ने कहा कि उन्हें जांच की ताजा जानकारी नहीं है, लेकिन SIT द्वारा उठाए गए कदम उन्हें संतोषजनक लगे. उन्होंने कहा कि SIT सही दिशा में आगे बढ़ रही है और उम्मीद है कि दोषियों को कानूनी कार्रवाई के तहत सजा दी जाएगी.

Similar News