गद्दार, मुनीर का ट्रंप के साथ लंच और मां के आंसू... लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर प्रियंका और खड़गे ने धो डाला
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर तीखा हमला बोला. प्रियंका ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पर्यटकों की मां के आंसुओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि देश को जवाब चाहिए. उन्होंने पाक सेना प्रमुख मुनीर और ट्रंप के लंच मीटिंग का हवाला देते हुए सवाल उठाए. खड़गे ने कहा कि जब उपराज्यपाल सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी ले रहे हैं, तो गृह मंत्री क्यों नहीं? विपक्ष ने इसे 'गद्दारी' करार दिया.;
संसद के अंदर 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चल रही बहस के दौरान विपक्ष ने सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति, खुफिया तंत्र और जवाबदेही को लेकर तीखे सवाल खड़े किए. खासकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खरगे ने सत्ता पक्ष पर हमलावर हुए हैं इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिम्मेदारी कोई नहीं लेता श्रेय लेने में आगे है भाजपा सरकार तो वहीं कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने भी जमकर तीखा वार किया है. प्रियंका गांधी ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए पूछा कि आखिर 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम जैसे लोकप्रिय टूरिस्ट स्पॉट पर इतना बड़ा आतंकी हमला कैसे हो गया और उस वक्त वहां एक भी सुरक्षा कर्मी क्यों नहीं था?
प्रियंका गांधी ने इस दर्दनाक हमले का जिक्र करते हुए आतंकियों द्वारा निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या को 'राष्ट्रीय शर्म' बताया. उन्होंने शहीद शुभम द्विवेदी और उनकी पत्नी के अनुभव को साझा करते हुए सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. वहीं, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरकार की “बेसुध चुप्पी' पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर गृहमंत्री जिम्मेदार हैं तो उन्हें पद छोड़ना चाहिए.
'सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर की वाहवाही, मगर 22 अप्रैल पर चुप्पी क्यों?'
प्रियंका गांधी ने संसद में कहा कि 'रक्षा मंत्री एक घंटे बोले. सत्तारूढ़ दल के सांसदों ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद, इतिहास- सब पर भाषण दिया. लेकिन जिस दिन 22 अप्रैल को 26 लोगों की हत्या हुई, उस पर एक शब्द नहीं बोला गया. आखिर ये हमला हुआ कैसे, क्यों हुआ? उन्होंने सरकार पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि अगर कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया था, तो लोग बिना डर वहां क्यों नहीं जा सके?
'हमने भरोसा किया सरकार पर, और सरकार ने हमें
प्रियंका ने शहीद शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या के हवाले से कहा, 'मैंने अपनी पूरी दुनिया को खत्म होते देखा. वहां एक भी सुरक्षा गार्ड नहीं था. सरकार और देश ने हमें वहां छोड़ दिया. उन्होंने सवाल उठाया कि बायसारन वैली में हर दिन 1000 से 1500 पर्यटक जाते हैं, फिर भी एक भी सैनिक क्यों नहीं तैनात किया गया? इन लोगों ने सरकार पर भरोसा कर वहां गए थे और सरकार ने उन्हें भगवान के भरोसे छोड़ दिया.
'सरकार सिर्फ श्रेय लेती है, जिम्मेदारी नहीं'
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर का क्रेडिट लेना चाहते हैं, लेकिन नेतृत्व सिर्फ श्रेय लेने का नाम नहीं होता, जिम्मेदारी भी लेनी पड़ती है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान सीज़फायर की घोषणा, भारत सरकार से पहले करना, सरकार की 'गंभीर गैर-जिम्मेदारी' का प्रमाण है. प्रियंका ने कहा कि 'आज मैं इन 26 लोगों की बात कर रही हूं क्योंकि मैं उनका दर्द महसूस करती हूं. देश सिर्फ बदला नहीं, सुरक्षा की गारंटी भी चाहता है। सिर्फ सेना की वीरता नहीं, सरकार की ईमानदारी भी चाहिए. अपने भाषण के अंत में उन्होंने 22 अप्रैल को मारे गए 26 निर्दोष नागरिकों के नाम पढ़े और कहा, 'मैं इनके नाम इसलिए पढ़ रही हूं ताकि हर सांसद महसूस करे कि ये भी हमारी तरह इंसान थे, कोई राजनीतिक मोहरे नहीं. हम सब इन परिवारों के प्रति जवाबदेह हैं.
राज्यसभा में खड़गे का तीखा हमला: 'अगर जिम्मेदार हो तो पद खाली करो'
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, 'हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. हमारे पत्र रद्दी की टोकरी में फेंक दिए जाते हैं. उन्होंने गृहमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा, 'आप मणिपुर जलने पर भी मौन थे, दिल्ली में दंगे हुए, अब पहलगाम हुआ. क्या ये सब आपकी निगरानी में नहीं हो रहा? अगर हां, तो पद छोड़िए. नहीं, तो प्रधानमंत्री क्या कार्रवाई कर रहे हैं, बताइए. खड़गे ने 2016 की उरी और पठानकोट घटनाओं, 2019 के पुलवामा और अब 2025 के पहलगाम हमले को एक कड़ी बताते हुए कहा कि यह लगातार हो रही खुफिया विफलताओं की श्रृंखला है.
'गृह मंत्री लें जिम्मेदारी, सिर्फ एलजी नहीं'
14 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर यह स्वीकार किया था कि यह निश्चित रूप से एक सुरक्षा चूक थी… उन्होंने कहा था. 'मैं इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं क्योंकि यह निश्चित रूप से सुरक्षा में चूक थी. लेकिन हम पूछते हैं. इसकी जिम्मेदारी गृह मंत्री को लेनी चाहिए, न कि केवल उपराज्यपाल को.