UPI की यह सर्विस 1 अक्टूबर से हो जाएगी बंद, PhonePe, Google Pay और Paytm यूजर्स पर होगा असर, डिटेल जान लीजिए

1 अक्टूबर 2025 से NPCI UPI का Peer-to-Peer (P2P) Collect Request फीचर बंद करने जा रहा है. PhonePe, Google Pay और Paytm यूजर्स अब किसी को सीधे पेमेंट रिक्वेस्ट नहीं भेज सकेंगे. यह कदम बढ़ते financial frauds को रोकने के लिए लिया गया है, क्योंकि ठग नकली पहचान बनाकर पैसे की रिक्वेस्ट भेजकर यूजर्स को फंसाते थे.;

( Image Source:  X/DDNEWS )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 14 Aug 2025 12:48 PM IST

देशभर में करोड़ों लोग रोजाना UPI (Unified Payments Interface) का इस्तेमाल करते हैं. चाहे छोटे-बड़े भुगतान हों, बिल चुकाना हो या दोस्तों को पैसे भेजने हों, PhonePe, Google Pay और Paytm जैसी ऐप्स सबसे ज्यादा भरोसेमंद माध्यम बन चुकी हैं. लेकिन अब National Payments Corporation of India (NPCI) ने एक बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है.

1 अक्टूबर 2025 से UPI में एक अहम फीचर बंद हो जाएगा. यह फीचर है Peer-to-Peer (P2P) Collect Request, यानी वह सुविधा जिसके जरिए कोई भी यूजर दूसरे से पैसे मांगने के लिए रिक्वेस्ट भेज सकता था. NPCI का कहना है कि इस फीचर का इस्तेमाल धोखेबाज बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. ऐसे में इसे बंद करना जरूरी हो गया है ताकि financial fraud पर लगाम लग सके.

क्या है नया बदलाव?

29 जुलाई 2025 को जारी सर्कुलर में NPCI ने साफ कहा था कि “By October 1, 2025, UPI P2P Collect shall not be allowed to be processed in UPI.” यानी 1 अक्टूबर के बाद UPI पर किसी भी तरह का collect request प्रोसेस नहीं होगा. इसका मतलब है कि अब कोई भी यूजर अपने दोस्त, रिश्तेदार या किसी अन्य UPI यूजर को Pay Request भेजकर पैसे नहीं मांग सकेगा. यह फीचर आमतौर पर तब इस्तेमाल होता था जब किसी को साझा बिल चुकाना होता था या फिर सीधे पैसे की रिक्वेस्ट भेजनी होती थी.

क्यों बंद किया जा रहा है P2P Collect Feature?

NPCI के मुताबिक, fraudsters इस फीचर का गलत इस्तेमाल करने लगे थे. धोखेबाज नकली पहचान या झूठी इमरजेंसी दिखाकर यूजर्स को पैसे की रिक्वेस्ट भेजते थे. जैसे ही यूजर ने उस रिक्वेस्ट को स्वीकार किया और UPI PIN डाला, उसके खाते से पैसा तुरंत निकल जाता था. हालांकि इस फीचर के लिए पहले ₹2,000 की लिमिट तय की गई थी, लेकिन फिर भी ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे थे. धोखेबाज छोटे-छोटे अमाउंट में यूजर्स से पैसा निकालते और फिर उन्हें बड़े नुकसान में डाल देते थे. अब इसे पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा ताकि यूजर्स की सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके.

अब पैसे भेजने का तरीका क्या होगा?

1 अक्टूबर 2025 के बाद UPI यूजर्स को पैसे भेजने या मांगने के लिए केवल ये विकल्प मिलेंगे:

  • QR Code स्कैन करके पैसे भेजना
  • मोबाइल नंबर या UPI ID चुनकर ट्रांजैक्शन करना
  • सीधे अकाउंट नंबर और IFSC कोड डालकर भुगतान करना

इन सभी विकल्पों में यूजर को खुद अमाउंट डालकर UPI PIN दर्ज करना होगा. यानी किसी रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करके पैसा अपने आप नहीं कटेगा. इससे धोखाधड़ी की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाएगी.

क्या मर्चेंट पेमेंट्स पर असर पड़ेगा?

यूजर्स के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अब Amazon, Flipkart, Swiggy, Zomato, IRCTC जैसी बड़ी सर्विसेस पर भी भुगतान प्रभावित होगा? NPCI ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव केवल P2P Collect Requests पर लागू होगा. Merchant Transactions पहले की तरह जारी रहेंगे.

मर्चेंट्स अभी भी Payment Request भेज सकेंगे. लेकिन ग्राहक को UPI PIN डालकर ही पेमेंट अप्रूव करना होगा. इससे e-commerce, food delivery और ticket booking जैसी सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी.

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

भारत में डिजिटल पेमेंट्स की दुनिया तेज़ी से बढ़ रही है. UPI ने गांव-गांव तक अपनी पैठ बना ली है. PhonePe, Google Pay और Paytm के यूजर्स करोड़ों में हैं. ऐसे में साइबर अपराधियों ने भी UPI के जरिए लोगों को ठगने के नए-नए तरीके निकाल लिए. P2P Collect के जरिए झूठी रिक्वेस्ट भेजकर धोखाधड़ी सबसे आसान तरीका बन चुका था. कई बार लोग जल्दबाजी या अनजाने में रिक्वेस्ट स्वीकार कर लेते थे और पैसे गंवा बैठते थे. NPCI का मानना है कि फीचर हटाने से User Trust और Digital Payment Safety और मजबूत होगी.

यूजर्स को क्या करना चाहिए?

  • हमेशा QR Code या मोबाइल नंबर से ही ट्रांजैक्शन करें
  • किसी भी अनजान लिंक या रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें
  • अगर कोई भुगतान रिक्वेस्ट आती है तो बिना सोचे-समझे UPI PIN न डालें
  • बैंक और UPI ऐप्स की ओर से आने वाले अपडेट्स पर नजर रखें

UPI ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. लेकिन इसके साथ साइबर क्राइम भी बढ़ा है. NPCI का 1 अक्टूबर 2025 से लागू होने वाला यह नया नियम यूजर सिक्‍योरिटी के लिहाज से बेहद अहम है. अब भले ही यूजर्स को थोड़ी असुविधा हो, लेकिन इससे धोखाधड़ी के मामलों में भारी कमी आने की उम्‍मीद है.

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