कुत्ते घुमाकर हर महीने 4.5 लाख की कमाई कर रहा महाराष्ट्र का ये शख्स, MBA और MBBS वालों को छोड़ दिया पीछे
महाराष्ट्र का एक डॉग वॉकर इन दिनों चर्चा में है, जो कुत्तों को टहलाकर हर महीने 4.5 लाख रुपये कमा रहा है. उसका भाई MBA करके भी उससे छह गुना कम कमाता है. यह कहानी दिखाती है कि पैशन और स्मार्ट काम करने की सोच हो, तो कोई भी काम छोटा नहीं. सोशल मीडिया पर ये कहानी लाखों को प्रेरित कर रही है.;
महाराष्ट्र के एक आम से दिखने वाले डॉग वॉकर ने आज इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है. उसकी कमाई इतनी है कि अच्छे-अच्छे MBA और डॉक्टर भी पीछे रह जाएं. हर महीने करीब 4.5 लाख रुपये कमाकर इस शख्स ने यह साबित कर दिया है कि अगर दिल में जुनून और काम के प्रति इमानदारी हो, तो किसी "डिग्री" की मोहताज ज़िंदगी नहीं बनती. जहां एक ओर MBA और MBBS पास लोग नौकरियों के लिए संघर्ष करते हैं, वहीं इस साधारण-से लगने वाले पेशे ने उसे असाधारण बना दिया है.
यह डॉग वॉकर सिर्फ कुत्तों को घुमाता नहीं, बल्कि उन्हें 'परिवार का हिस्सा' मानकर सेवा देता है. वह हर कुत्ते की पर्सनालिटी, डाइट, मूड और एक्टिविटी लेवल को समझता है. यही वजह है कि वह प्रति कुत्ता 10,000 से 15,000 रुपये महीने चार्ज करता है. वह दिन में दो बार, सुबह और शाम, उन्हें टहलाने ले जाता है. साथ ही समय पर खाना, एक्सरसाइज और प्यार देना भी उसकी रूटीन का हिस्सा है. इस समय उसके पास 38 पालतू कुत्ते हैं, और हर ग्राहक हाई-प्रोफाइल है, इनमें अभिनेता, कारोबारी, विदेशी दूतावास के अधिकारी तक शामिल हैं.
डिग्री वाला भाई पीछे रह गया
इस कहानी का एक और दिलचस्प पहलू है. उसका सगा भाई MBA कर चुका है और एक कॉर्पोरेट कंपनी में काम करता है. लेकिन उसकी मासिक आमदनी 70,000 रुपये है. यानी डॉग वॉकर भाई उससे 6 गुना ज्यादा कमा रहा है. यह तुलना सिर्फ पैसे की नहीं, बल्कि मानसिकता की है. एक ने परंपरा निभाई, दूसरे ने जोखिम उठाया. और आज सोशल मीडिया पर लोग यह कह रहे हैं, “पैशन में पावर है, और हुनर में ही भविष्य है.”
सोशल मीडिया ने बना दिया ग्लोबल हीरो
इस डॉग वॉकर की कहानी जैसे ही वायरल हुई, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर उसकी तस्वीरें और मीम्स चलने लगे. कई यूट्यूब चैनलों ने उस पर रिपोर्ट बनाई. कमेंट्स में लोग लिख रहे हैं, “हमने भी गलत करियर चुना!”, “MBA छोड़ो, DOG MBA करो!” यह किस्सा अब सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं रही, बल्कि एक आवाज़ बन गई है उस सोच की जो कहती है कि पारंपरिक करियर ही सबकुछ नहीं होता. लाखों लोग अब इस उदाहरण से सीख रहे हैं कि कैसे एक छोटा-सा काम, जब जुनून और जिम्मेदारी से किया जाए, तो समाज में इज़्ज़त और पैसा दोनों देता है.
तेजी से बढ़ रहा पेट केयर बिज़नेस
यह अकेली कहानी नहीं, बल्कि भारत में पालतू जानवरों के प्रति बढ़ते प्रेम और सेवा क्षेत्र का संकेत भी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की पेट केयर इंडस्ट्री 2026 तक ₹7,500 करोड़ को पार कर जाएगी. बड़े शहरों में लोग अपने पालतू जानवरों के लिए पर्सनल ट्रेनर, वॉकर, स्पा, डाइटिशियन, और काउंसलर तक रखते हैं. ऐसे में जो लोग इस क्षेत्र को पेशेवर तरीके से समझते हैं, उनके पास कमाई की असीम संभावनाएं हैं. यही कारण है कि डॉग वॉकर जैसे काम को अब "वर्क विद डिग्निटी" कहा जाने लगा है.
ये आने वाले समय का संकेत है
कई लोग सोचते हैं - क्या वाकई ये संभव है? क्या सिर्फ कुत्तों को टहलाकर इतनी कमाई हो सकती है? जवाब है: हां, अगर सोच सही हो और तरीका प्रोफेशनल हो. एक डॉग वॉकर जो समय प्रबंधन, ग्राहक व्यवहार, सोशल मीडिया प्रमोशन और पेशेवर सेवा का मिश्रण करता है. वह आराम से हर महीने लाखों कमा सकता है. यह कहानी एक मिसाल है कि भारत में अब करियर की परिभाषा बदल रही है. यह किसी वायरल पोस्ट से कहीं आगे की बात है- यह नौकरी के पीछे भागने की जगह, सेवा को बिज़नेस बनाने की सोच है.