फिर रैपिडो वाले ने की शर्मनाक हरकत, महिला का नंबर लेकर पहले किए कॉल-मैसेज, फिर भेजे पोर्न वीडियो

तिरुपुर से सामने आई एक घटना ने सभी को हैरान कर दिया है. यहां एक महिला के साथ राइड पूरी करने के बाद रैपिडो ड्राइवर ने न सिर्फ उसके नंबर पर बार-बार कॉल और मैसेज किए, बल्कि देर रात अश्लील वीडियो और फोटो भी भेजे.;

( Image Source:  AI SORA )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 18 Nov 2025 4:16 PM IST

तमिलनाडु के तिरुपुर से सामने आया एक मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या ऐप-आधारित बाइक टैक्सी सर्विसेज़ वाकई महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं? एक महिला को रैपिडो की सवारी लेने के बाद जिस तरह से ड्राइवर ने रातभर अश्लील मैसेज और पोर्न कंटेंट भेजकर परेशान किया.

सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस कहानी ने न केवल लोगों को झकझोर दिया, बल्कि इस बात पर भी बहस छेड़ दी कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी प्लेटफॉर्म्स कितने ज़िम्मेदार हैं.

ऐप के जरिए लिया नंबर, फिर भेजी पोर्न वीडियो 

सोशल मीडिया पर एक लोकल शख् ने पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि उनकी महिला रिश्तेदार ने 16 अक्टूबर को रैपिडो की एक राइड बुक की थी. यात्रा पूरी होने के बाद ड्राइवर ने प्लेटफॉर्म के जरिए फोन नंबर पर लेकर उनसे कॉन्टैक्ट करना शुरू किया. रात 11 बजे के करीब उसने महिला को कई व्हाट्सऐप कॉल किए, अश्लील मैसेज भेजे और यहां तक कि पोर्नोग्राफिक तस्वीरें व वीडियो भी भेजे.

रैपिडो ने दिया रिएक्शन

मामला बढ़ने पर रैपिडो ने तुरंत रिएक्शन देते हुए कहा कि 'कस्टमर सेफ्टी हमारी प्राथमिकता है. हम इस घटना की निंदा करते हैं और तुरंत कार्रवाई कर रहे हैं.' कंपनी ने पीड़िता को कानूनी सहायता देने का भी भरोसा दिया है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब रैपिडो के ड्राइवर द्वारा कस्टमर का नंबर गलत तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगा हो. 

सोशल मीडिया पर भड़के यूजर्स 

पोस्ट वायरल होते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स जमकर भड़के. जहां एक यूजर ने कमेंट करते हुए कहा कि ' अक्सर महिलाओं के साथ ही ऐसा होता है.' रैपिडो का उपयोग करना महिलाओं के लिए एक गंभीर खतरा है, न केवल मेट्रो शहरों में छोटे शहरों में भी.' 

महिला सुरक्षा पर गहरा सवाल

लगातार सामने आ रही घटनाएं यह बताती हैं कि सिर्फ तकनीक से सुरक्षा संभव नहीं है. यदि ड्राइवर बुनियादी डेटा तक पहुंच बना लेते हैं, तो यह महिलाओं के लिए गंभीर जोखिम बन सकता है. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या ऐप-आधारित सेवाएं सुरक्षा के नाम पर सिर्फ वादे कर रही हैं, या वाकई ऐसे सिस्टम बना रही हैं जो महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित कर सकें? तिरुपुर की यह घटना हमें याद दिलाती है कि हर सफर आसान नहीं होता है. कई बार ऐप खोलने भर से खतरे की शुरुआत हो जाती है.

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