'सेल्फी से लेकर रील तक बैन', सुप्रीम कोर्ट ने हाई सिक्योरिटी एरिया पर खींची लाइन, कहा - सुरक्षा पहले, कैमरा बाद में
सुप्रीम कोर्ट ने हाई सिक्योरिटी जोन में रील, फोटो और वीडियो बनाने पर सख्त बैन लगा दिया है. कोर्ट ने साफ कहा है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी. चाहे कोर्ट के कर्मचारी, अफसर या वकील ही ऐसा करने वालों में शामिल क्यों न हों. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खिलवाड़ पर रोक जरूरी है.;
देश के हाई सिक्योरिटी एरिया अब प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स, और आम लोगों के लिए ऑफ-लिमिट (प्रतिबंधित क्षेत्र) हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट (सुप्रीम Court) ने अपने अहम फैसले में कहा है कि ऐसे संवेदनशील इलाकों में वीडियो शूटिंग, फोटो खींचना और रील बनाना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा. कोर्ट का मानना है कि सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले किसी भी प्रयास को रोकना जरूरी है, वरना यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने हाई सिक्योरिटी वाले एरिया और अपने मुख्य परिसर में फोटो खींचने, सोशल मीडिया रील बनाने और वीडियोग्राफी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. 10 सितंबर को जारी एक परिपत्र में शीर्ष अदालत ने मीडियाकर्मियों को कम सुरक्षा वाले क्षेत्र में तय लॉन से साक्षात्कार और समाचारों का सीधा प्रसारण करने को कहा है.
हाई सिक्योरिटी एरिया में सिर्फ आधिकारिक एक्टिविटी
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "हाई सिक्योरिटी एरिया के लॉन में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित है. इस क्षेत्र का आधिकारिक उपयोग को छोड़कर वीडियोग्राफी, रील बनाने और फोटोग्राफी के लिए उपयोग किए जाने वाले कैमरा, ट्राइपॉड, सेल्फी-स्टिक आदि उपकरण प्रतिबंधित रहेंगे."
स्टेट बार काउंसिल कर सकती है कार्रवाई
सर्वोच्च अदालत के सर्कुलर में आगे कहा गया है, "किसी वकील, वादी, इंटर्न या लॉ क्लर्क द्वारा इस आदेश का उल्लंघन करने पर उन्हें संबंधित बार एसोसिएशन या संबंधित राज्य बार काउंसिल अपने नियमों और विनियमों के अनुसार उचित कार्रवाई करेगी." इसमें कहा गया है कि किसी मीडियाकर्मी द्वारा दिशानिर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में उनकी पहुंच एक महीने की अवधि के लिए प्रतिबंधित की जा सकती है.
कोर्ट कर्मचारियों पर भी आदेश लागू
कोर्ट के कर्मचारियों या रजिस्ट्री द्वारा किसी भी उल्लंघन को 'गंभीरता' से लिया जाएगा. इसके अलावा, अदालत अपने में ये भी कहा, "अन्य हितधारकों के मामले में संबंधित विभागाध्यक्ष से अनुरोध किया जाएगा कि वे उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध अपने नियमों और विनियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करें." कोर्ट परिसर में तैनात सुरक्षाकर्मियों को किसी भी व्यक्ति, कर्मचारी, वकील या अन्य को हाई सिक्योरिटी एरिया के अंदर तस्वीरें लेने या वीडियो बनाने से रोकने का अधिकार होगा."