असम के सोनापुर में SC ने बुलडोजर एक्शन पर लगाई रोक, जारी किया नोटिस
Supreme Court on Bulldozer Action: असम के सोनापुर में बुलडोजर कार्रवाई के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. अब इस मामले में 3 सप्ताह बाद बाद अगली सुनवाई होगी कोर्ट ने फिलहाल एक्शन पर रोक लगाने को कहा है.;
Supreme Court on Bulldozer Action: असम के 47 निवासियों के घरों में बुलडोजर चलाने के मामले में असम सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है. इसके साथ ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार से तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है और कहा कि अगली सुनवाई तक इस स्थिति को बरकरार रखें. यानी इस एक्शन के बाद असम सरकार बुलडोजर नहीं चला सकती. इस मामले की सुनवाई जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन ने की है.
इस महीने की शुरूआत में हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश में कोई भी एक्शन बिना इजाजत के नहीं होना चाहिए. 1 अक्टूबर तक बुलडोजर न्याय पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर अवैध इमारत को गिराने का एक भी मामला है तो यह संविधान के मूल्यों के खिलाफ है.
दरअसल, 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर की कार्यवाही को लेकर दाखिल की गई अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जारी किए गए अपने आदेश में कहा था कि कोर्ट की पूर्व अनुमति के बिना देश में कोई भी बुलडोजर की कार्रवाई नहीं की जाएगी और अगर ऐसा करना जरूरी होगा तो इससे पहले कोर्ट से अनुमति लेनी होगी.
कई राज्यों में अपराध के आरोपियों की संपत्तियां गिराने जाने का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. पिछली सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि संपत्तियों को गिराने जाने को लेकर एक कहानी बनाई जा रही है. पीठ ने कहा कि निश्चित रहें बाहरी शोर हमें प्रभावित नहीं कर रहा है. जनरल तुषार मेहता ने आगे कहा कि याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि एक विशेष धार्मिक समुदाय के मामले में ध्वस्तीकरण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश कि प्रक्रिया का पालन करने के बाद 70 दुकानें बंद कर दी गईं.