RBI ने ब्‍याज दरें तो घटा दीं, लेकिन कब कम होगी आपके लोन की EMI?

भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने पांच साल में पहली बार रेपो रेट में कटौती की है, जिससे यह 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है. इससे लोन की ईएमआई सस्ती हो गई, लेकिन सवाल यह है कि जिन लोगों ने लोन लिया है, उन्हें इसका फायदा कब से मिलेगा.. आखिर कब सस्ती होगी आपके लोन की ईएमआई? आइए, इसका जवाब जानते हैं...;

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By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 10 Feb 2025 2:30 PM IST

Loan EMI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की, जिससे लोन की ईएमआई कम हो जाएगी. अब सरकार बैंकों और लोन देने वालों पर नजर रख रही है, ताकि कटौती का लाभ लोगों तक सही तरीके से पहुंच सके. यदि आने वाले दिनों में दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंचता है तो सरकार बैंकों से संपर्क करेगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लोन की ईएमआई सस्ती होने की कोई निर्धारित सीमा नहीं है. हर एक बैंक की परिसंपत्ति देयता समिति इस पर निर्णय लेगी, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि कोई लाभ न मिले या बहुत कम लाभ मिले.

इससे पहले, 2019 में RBI ने 25 आधार अंक की कटौती की थी, लेकिन अधिकांश बैंकों ने केवल 5 आधार अंकों की कटौती की. इस वजह से आरबीआई और बैंकों के बीच मीटिंग की जरूरत पड़ गई. उस समय केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास थे.

पांच साल में पहली बार रेपो रेट में कटौती

आरबीआई ने पांच साल में पहली बार रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है. इससे यह 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है. इससे लोन की ईएमआई सस्ती हो गई. रेपो रेट वह रेट है, जिस पर आरबीआई बैंकों को पैसे उधार देता है. इससे होम लोन लेने वालों को फायदा होता है.

अगर आपने 20 लाख का होम लोन 20 साल के लिए लिया है तो हर साल आपको 3816 रुपये की बचत होगी. वहीं, 5 लाख का ऑटो लोन अगर आपने 5 साल के लिए लिया है तो हर साल आपकी 732 रुपये की बचत होगी. रेपो रेट में कटौती से आर्थिक विकास को बढ़ाता मिलता है. इससे लोन लेना सस्ता हो जाता है.

कब मिलेगा रेपो रेट में कटौती का फायदा?

कहा जा रहा है कि रेपो रेट में कटौती का फायदा लोन लेने वालों को मिलने में अभी 3-4 महीने का वक्त लग सकता है. ऐसी आशंका है कि इसे पूरी तरह से ट्रांसमिट न किया जाए, क्योंकि बैंकों को इसे केवल उन उधार कर्ताओं तक पहुंचाना होगा, जिनकी क्रेडिट स्टैडिंग अच्छी है. इसलिए समग्र पोर्टफोलियो के आधार पर यह बैंक दर बैंक अलग-अलग हो सकता है.

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