विवादों से जुड़ा है PM CARES Fund! आरोपों से लेकर कलेक्शन तक की पूरी डिटेल

PM CARES Fund: PMO में एक अवर सचिव के दायर एक हलफनामे ने कहा गया है कि ट्रस्ट पारदर्शिता के साथ काम करता है और इसकी निधि का लेखा परीक्षण ऑडिटर करते हैं. यह ऑडिटर एक चार्टर्ड एकाउन्टेंट होता है.;

PM CARES Fund(Image Source:  ANI )
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 28 Dec 2024 3:30 PM IST

PM CARES Fund: PM CARES Fund कोरोना महामारी के समय रजिस्टर किया गया एक ट्रस्ट है, जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार को खूब निशाना बनाया. कांग्रेस ने इस साल मार्च में भी इसके पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े किए थे. हालांकि, ये विवाद नया नहीं है, इसके खिलाफ साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी. हालांकि, कोर्ट को याचिकाकर्ताओं के दावों में कोई दम नहीं दिखा और इसे खारिज कर दिया गया.

कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए PM CARES Fund के नाम से एक सार्वजनिक ट्रस्ट की स्थापना की गई. पीएम केयर्स फंड का ट्रस्ट डीड 27 मार्च 2020 को नई दिल्ली में रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के तहत रजिस्टर किया गया.

पीएम केयर्स फंड के अध्यक्ष हैं PM Modi

प्रधानमंत्री पीएम केयर्स फंड के अध्यक्ष हैं और भारत सरकार के रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री इस फंड के ट्रस्टी हैं. प्रधानमंत्री ने पीएम केयर्स फंड के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी के अध्यक्ष के तौर पर बोर्ड में तीन ट्रस्टी जस्टिस के.टी.थॉमस (सेवानिवृत्त) और करिया मुंडा को नॉमिनेट किया है. बता दें कि ट्रस्टी नियुक्त किया गया कोई भी व्यक्ति बिना किसी लाभ के यानी कि सैलरी या फायदे के काम करेगा.

ट्रस्ट को कब कितना फंड मिला?

फंड में 2019 से लेकर 2023 तक कितने पैसे आए है, इसकी जानकारी इसके ऑफिशियल वेबसाइट pmcares.gov.in/en/ पर है. हालांकि, इसमें कहां से कितना पैसा आया है, इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है. कोरोना के बाद 2022-23 के दौरान 912 करोड़ रुपये इस फंड में आया है, जिसमें 2.57 करोड़ रुपये विदेशों से आए हैं. वहीं फंड को 170.38 रुपये ब्याज के तौर पर मिला है.

पीएम केयर्स फंड को 2019-20 से 2022-23 तक चार सालों में स्वैच्छिक योगदान (13,067 करोड़ रुपये) और विदेशी योगदान (538 करोड़ रुपये) के रूप में कुल 13,605 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. इस अवधि के दौरान इसे ब्याज आय के रूप में 565 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

विरोध के बाद ऑडिटर की नियुक्ति

पीएम केयर्स फंड के खिलाफ एक और आपत्ति यह थी कि मूल रूप से यह ऑडिट के अधीन नहीं था. दूसरी ओर PMNRF खर्च का ऑडिट एक स्वतंत्र ऑडिटर करता है. हालांकि, जनता की कड़ी आलोचना के बाद PMO ने पीएम केयर्स फंड के लिए एक ऑडिटर नियुक्त किया.

कांग्रेस के आरोप पर पीएम ऑफिस का जवाब

पीएम केयर्स फंड को लेकर कांग्रेस का कहना है कि इसे एक बेहद लापरवाह सरकार और प्रधानमंत्री ने स्थापित किया है. हालांकि, तमाम आरोपों के बाद एक याचिका की सुनवाई के दौरान सितंबर 2021 में पीएम ऑफिस ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि पीएम-केयर्स एक सरकारी फंड नहीं है. ये एक ट्रस्ट है, जो महामारी जैसे समय में लोगों की मदद के लिए बनाया गया है.

फंड जुटाने के लिए सरकारी वेबसाइटों के उपयोग का आरोप

पीएम-केयर्स फंड की पारदर्शिता की कमी, डोनर्स को आकर्षित करने के लिए सरकारी चिन्ह और सरकारी वेबसाइटों के उपयोग करने का आरोप लगा था. हालांकि, सरकार की ओर से कहा गया कि इसका स्वामित्व, नियंत्रण या फाइनेंसिंग सरकार के पास नहीं है. सरकार के दावे के बावजूद इसकी ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, यह फंड अभी भी प्रधानमंत्री कार्यालय में ही है, जहां अधिकारी इस फंड का मैनेजमेंट करते हैं. 

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