सोमवार से सही से चलेगी संसद, ऑपरेशन सिंदूर संसद में गूंजेगा; पक्ष-विपक्ष में बनी सहमति! 10 अपडेट
Monsoon Session Parliament News: संसद के मॉनसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर पक्ष-विपक्ष के बीच खुली बहस को लेकर आपस में सहमति बन गई है. इसके अलावे भी विपक्ष ने और मसलों पर बहस की मांग की है. अगर ऐसा हुआ तो 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद फिर सियासी घमासान तय है.;
Monsoon Session Parliament Update: संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस को लेकर 25 जुलाई को हुई सर्वदलीय बैठक में सहमति बन गई है. देश की संसद अब 'ऑपरेशन सिंदूर' पर गूंजेगी, जो सरहद पर हलचल और सियासत में उबाल का कारण बना. सरकार की तरफ से पहलगाम और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा में हिस्सा लेंगे. चलिए, जानते हैं इस बड़ी राजनीतिक सहमति से लेकर संभावित टकराव तक, 10 प्वाइंट में पूरा घटनाक्रम.
1. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा 25 जुलाई को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद सोमवार से 'ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष बहस के लिए सरकार के सहमत होने के बाद संसद में गतिरोध समाप्त होने की संभावना है. बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में उपस्थित थे.
2. विपक्ष ने विशेष चर्चा की मांग की थी, न कि नियम 193 के तहत, क्योंकि नियम 193 के तहत चर्चा का मतलब होगा कि सरकार ने प्रस्ताव पेश किया है और दिखाया है कि वह ऑपरेशन का जश्न मना रही है. सूत्रों के अनुसार नेताओं ने बिहार में मतदाता सूची संशोधन और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा पर लगे आरोपों और उनके महाभियोग पर भी चर्चा की.
3. सूत्रों ने यह भी बताया कि बैठक के दौरान राहुल गांधी ने यह भी पूछा कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर कब चर्चा होगी? हालांकि, शीर्ष सरकारी सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा पर कोई भी चर्चा 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा के बाद ही की जाएगी.
4. गुरुवार को सरकार ने संसद को बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा किए गए एक बर्बर हमले के जवाब में शुरू किया गया था और यह कार्रवाई आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त करने और भारत में भेजे जाने की संभावना वाले आतंकवादियों को बेअसर करने पर केंद्रित थी. राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने भी कहा कि भारत की कार्रवाई केंद्रित, सोची-समझी और बिना उकसावे वाली थी.
5. राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने ऑपरेशन सिंदूर में अचानक युद्धविराम की घोषणा से भारतीय सेना के मनोबल पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी पूछा, जो महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त कर रही थी, लेकिन अचानक युद्धविराम की घोषणा करना उनके मनोबल और देश की जनता की भावनाओं के विरुद्ध था.
6. गृह मंत्री अमित शाह इस ऑपरेशन की रणनीति, प्रगति और परिणामों पर बयान देंगे. ऑपरेशन के दौरान की गई सैन्य कार्रवाई, हवाई हमले, सीमा पार टारगेट और नुकसान की रिपोर्ट संसद में पेश की जाएगी.
7. विपक्ष खासकर कांग्रेस और टीएमसी, सरकार से ऑपरेशन की टाइमिंग, इंटेलिजेंस इनपुट और सैनिक हताहतों पर जवाब मांगने के संकेत दिए हैं. राज्यसभा में विपक्ष की ओर से वरिष्ठ नेता इस मुद्दे को उठाएंगे, संभावित वॉकआउट की भी संभावना है.
8. सरकार पाकिस्तानी ठिकानों की बर्बादी और आतंकी कैंपों की ध्वस्त स्थिति के सैटेलाइट फोटो व वीडियो सबूत पेश कर सकती है.
9. संसद में बहस के बाद सेना की ओर से भी एक ब्रीफिंग की संभावना जताई जा रही है. इस बहस को लेकर दोनों पक्ष अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की तैयारी में हैं.
10. देश की जनता ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी हर जानकारी पर नजर बनाए हुए है. संसद की बहस इस दिशा में निर्णायक साबित हो सकती है.