दुनिया भर की जेलों में कितने भारतीय हैं बंद, 3 साल में केवल 8 की वापसी, आखिर ट्रांसफर संधि के बाद भी क्यों हो रही देरी?
नेपाल में 1,317 भारतीय जेल में बंद हैं, जबकि मलेशिया में 338 भारतीय नागरिकों को कैदी बनाकर रखा गया है. मंगलवार को दोनों सदनों में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, चीन में भी 173 भारतीय जेल में बंद हैं.;
दुनिया भर में 86 देशों की जेलों में 10,152 भारतीय बंद हैं. यह खुलासा संसदीय स्थायी समिति की छठी रिपोर्ट में हुआ है. इसमें बताया गया है कि 12 देशों की जेल में 100 से ज्यादा लोग कैद हैं. इनमें चीन, कुवैत, नेपाल, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है.
इनमें सबसे ज्यादा सऊदी अरब और यूएई की जेलों के पीछे हैं. इनमें जेलों में भारतीय की संख्या 2,000 है. इन 12 देशों में से 9 देश पहले से ही सजा वाले शख्स के ट्रांसफर पर समझौता कर चुके हैं. इसके तहत दोषी ठहराए गए व्यक्ति को जेल की सजा काटने के लिए उसके देश भेज दिया जाता है.
3 साल में केवल 8 कैदियों की वापसी
इसके बावजूद पिछले तीन सालों में भारत सरकार केवल आठ कैदियों को भारत की जेल में वापस लाने में सफल हुई है. इसमें ईरान और यूनाइटेड किंगडम से तीन कैदी शामिल थे. वहीं कंबोडिया और रूस से दो-दो गुनहगारों की वापसी हुई.
क्यों हो रही देरी?
भारत पहले ही ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, बांग्लादेश, ब्राजील, कंबोडिया, फ्रांस, हांगकांग, ईरान, इजरायल, इटली, कजाकिस्तान, कुवैत, रूस, सऊदी अरब, श्रीलंका, यूएई और यूके सहित कई देशों के साथ ट्रांसफर संधियों पर साइन कर चुका है, लेकिन इसके बावजूद वह ज्यादा लोगों की वापसी करने में सफल नहीं हो पाते हैं, क्योंकि इस प्रोसेस कई अप्रूवल चाहिए होते हैं. इसलिए इस प्रोसेस में काफी समय लग जाता है.
मदद के लिए कोई फीस नहीं
हाल ही में टेक महिंद्रा के रिजनल हेड अमित गुप्ता को कतर में हिरासत में लिया गया था. वह करीब 12 साल से दोहा में काम कर रहे थे. इस मामले में उनके परिवार का कहना था कि उनके पास उन तक सीमित पहुंच है. हालांकि, इनमें से कई कैदी अंडरट्रायल हैं.इसलिए मंत्रालय ने पैनल को बताया कि विदेशों में कैद भारतीयों को हर संभव कांसुलर मदद के अलावा भारतीय मिशन और केन्द्र जरूरत पड़ने पर कानूनी सहायता भी देता है. साथ ही, किसी भी कैदी को इसके लिए कोई फीस नहीं देने होती है.