महिला को चाहिए ऐसा दूल्हा, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ अजीबोगरीब वैवाहिक विज्ञापन
सोशल मीडिया पर एक अजीबोगरीब वैवाहिक विज्ञापन वायरल हो रहा है, जिसमें महिला ने अपनी पसंद के दूल्हे के लिए कुछ अजीबोगरीब शर्तें रखी, जो इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का मुख्य विषय बन गई हैं. इस विचित्र विज्ञापन को सोशल मीडिया पर 110 से ज्यादा बार देखा गया और 3,000 से ज्यादा लाइक मिले. इसके साथ ही लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं.;
हाल ही में एक महिला के द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वैवाहिक विज्ञापन ने सभी को हैरान कर दिया और यह देखते ही देखते वायरल हो गया. 30 वर्षीय इस महिला ने अपनी पसंद के दूल्हे के लिए कुछ अजीबोगरीब शर्तें रखी, जो इस समय सोशल मीडिया पर चर्चा का मुख्य विषय बन गई हैं. उसने एक ऐसे साथी की तलाश की, जिसे आलीशान संपत्ति, बंगला, और एक फार्महाउस हो, साथ ही उसे खाना बनाना भी आना चाहिए. साथ ही, दूल्हे की उम्र 25 से 28 साल के बीच होनी चाहिए, उसके बाल छोटे होने चाहिए, और शरीर में किसी प्रकार का छेद यानी टैटू या पियर्सिंग होना चाहिए. लेकिन, इस विज्ञापन का सबसे अजीब अनुरोध था: 'कोई फार्टर या डकार न लें'!
इस विचित्र विज्ञापन को सोशल मीडिया पर 110 से ज्यादा बार देखा गया और 3,000 से ज्यादा लाइक मिले. इसके साथ ही लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं. कई यूजर्स ने इसे लेकर व्यंग्य किया, तो कुछ ने महिला की नारीवाद की परिभाषा पर सवाल उठाए. एक यूजर ने लिखा, "क्या यह मजाक है?" तो कुछ ने टिप्पणी की, "क्या यही नारीवाद है?" वहीं कुछ अन्य लोग हंसी मजाक करते हुए कह रहे थे कि, "अब पुरुष बिना डकार और पाद के नहीं रह सकते."
क्या यह विज्ञापन सच था या सिर्फ एक शरारत?
विज्ञापन के अजीबोगरीब डिटेल और मांगों के चलते यह सवाल उठने लगा कि क्या यह वास्तव में एक असली विज्ञापन था या किसी ने इसे सिर्फ मजाक के तौर पर पोस्ट किया है. जल्द ही यह सामने आया कि यह विज्ञापन महिला के भाई और उसके सबसे अच्छे दोस्त ने उसके 30वें जन्मदिन के जश्न के रूप में शरारत के तौर पर बनाया था. यह विज्ञापन मूल रूप से 2021 में एक समाचार पत्र में पब्लिश हुआ था, लेकिन अब यह फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जब एक यूजर ने इसे अपने एक्स (Twitter) अकाउंट पर शेयर किया.
महिलाओं पर समाज द्वारा डाले गए दबाव
यह विज्ञापन, महिला के ऊपर समाज द्वारा डाले गए दबावों और विवाह के लिए बनाए गए बेतुके मानकों को उजागर करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था. साक्षी, महिला जिसने यह विज्ञापन बनवाया था, ने बीबीसी को बताया कि, "आप अगर खुले तौर पर ऐसी बातें कहें तो लोग इसे आसानी से नहीं समझ पाएंगे. पुरुष हमेशा लंबी, पतली, सुंदर दुल्हन की मांग करते हैं, वे अपनी संपत्ति का बखान करते हैं, लेकिन जब महिला अपनी शर्तें तय करती है, तो इसे सहन नहीं कर पाते. यह विज्ञापन समाज की इसी सोच पर एक मजाक था."
साक्षी का कहना था कि जिन लोगों ने "पतली, गोरी और सुंदर दुल्हन चाहिए" जैसे विज्ञापन दिए थे, वे ही इस विज्ञापन को लेकर उत्तेजित हो रहे थे. यह विज्ञापन एक बयान था कि अगर महिलाएं अपनी पसंद और शर्तों को सामने रखें, तो उन्हें उसी तरह के आलोचनाओं का सामना क्यों नहीं करना चाहिए जैसा कि पुरुषों को दुल्हन के चयन में नहीं करना पड़ता.
नारीवाद पर सवाल और समाज की समझ
यह विज्ञापन न केवल हास्य का हिस्सा बन गया, बल्कि यह नारीवाद और समानता की अवधारणा पर भी सवाल उठाता है. क्या महिलाओं को भी अपनी पसंद और मानदंड तय करने का अधिकार है? क्या उनकी इच्छाओं और शर्तों को भी सम्मान मिलना चाहिए, जैसा कि पुरुषों की अपेक्षाएं समाज में आमतौर पर स्वीकार की जाती हैं?
यह घटना और सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाएं न केवल हंसी का कारण बनीं, बल्कि समाज में महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता को लेकर भी एक नई बहस को जन्म दिया है.