'आते ही रिटर्न टिकट बुक कर लेता हूं'... दिल्‍ली में क्‍यों नहीं रुकना चाहते नितिन गडकरी? खुद बताई वजह

बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली के प्रदूषण को लेकर तल्ख टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि मुझे देश की राष्ट्रीय राजधानी में रहना पसंद नहीं है. गौतमबुद्ध नगर में आयोजित 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' वृक्षारोपण अभियान में कहा मैं दिल्ली में दो-तीन दिन से ज्यादा नहीं रुकता. आते ही रिटर्न टिकट पहले बुक करता हूं. सभी को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.;

( Image Source:  Facebook/Nitin Gadkari )
Edited By :  धीरेंद्र कुमार मिश्रा
Updated On : 9 July 2025 10:20 AM IST

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली के प्रदूषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अब उन्हें दिल्ली आना तक अच्छा नहीं लगता क्योंकि यहां की जहरीली हवा से लोगों की जीवन प्रत्याशा घट रही है. गौतमबुद्ध नगर में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली में दो-तीन दिन से ज्यादा नहीं रुकता. आते ही रिटर्न टिकट बुक कर लेता हूं."

केंद्रीय नितिन गडकरी ने प्रदूषण के लिए वाहनों से निकलने वाले धुएं को एक बड़ा कारण बताया और कहा कि इससे निपटना हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है. उन्होंने सरकार की ओर से लिए जा रहे कई अहम पर्यावरणीय कदमों का ज़िक्र किया - जैसे इथेनॉल और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन, सड़क निर्माण में कचरे का उपयोग, और राष्ट्रीय राजमार्गों पर वृक्षारोपण. गडकरी का यह बयान, दिल्ली की खतरनाक वायु गुणवत्ता पर एक गंभीर चेतावनी की तरह देखा जा रहा है.

दिल्ली की हवा अब 'खतरनाक'

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली के प्रदूषण पर तीखा बयान देते हुए कहा कि उन्हें अब राष्ट्रीय राजधानी में रहना पसंद नहीं है. गौतमबुद्ध नगर में आयोजित 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' वृक्षारोपण अभियान में बोलते हुए उन्होंने कहा, "मैं दिल्ली में दो-तीन दिन से ज्यादा नहीं रुकता. आते ही सोचता हूं कि कब जाऊं. रिटर्न टिकट पहले बुक करता हूं. आप सभी को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए."

गडकरी ने कहा कि दिल्ली की जहरीली हवा आम जनता की उम्र कम कर रही है. उन्होंने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बताया.

'हम सबकी जिम्मेदारी है प्रदूषण कम करना'

गडकरी ने स्पष्ट कहा कि केवल सरकार ही नहीं, हर नागरिक और संस्था की यह जिम्मेदारी है कि वह प्रदूषण को कम करने में भागीदारी निभाए, विशेषकर वाहनों से निकलने वाले धुएं को लेकर. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इस दिशा में कई कदम उठा रही है और इथेनॉल, मेथेनॉल और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. ई-वाहनों और बायोफ्यूल्स पर फोकस बढ़ाया गया है. सड़क निर्माण में 80 लाख टन कचरे का पुनः उपयोग किया गया है.

NHAI बना रहा है हरित राजमार्ग नेटवर्क

गडकरी ने बताया कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) अब 'ग्रीन कॉरिडोर' यानी हरित राजमार्गों के निर्माण पर ज़ोर दे रही है. इसके अंतर्गत बांस रोपण, घने वृक्षों की कतारें, और वर्टिकल गार्डनिंग जैसे उपाय किए जा रहे हैं. 2024-25 में NHAI ने 60 लाख पौधों का लक्ष्य रखा था, लेकिन 67 लाख पौधे लगाए गए, जो लक्ष्य से अधिक है. इन प्रयासों का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों को हरा-भरा और पर्यावरण अनुकूल बनाना है.

जल संरक्षण भी एजेंडे में

गडकरी ने कहा कि राजमार्गों पर वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) को अनिवार्य बनाया जा रहा है. इससे न केवल भूजल स्तर में सुधार होगा, बल्कि राजमार्गों के आस-पास के क्षेत्रों में भी जल संकट कम होगा.

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