नए इनकम टैक्स बिल में पहले से क्या कुछ हुए बदलाव? 10 प्वाइंट में समझें क्या जुड़ा और क्या हटा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में नया इनकम टैक्स बिल हाल ही में पेश किया है. इस बिल में काफी कुछ बदलाव किए है. जिससे लोगों को समझने में काफी आसानी हो. इस बिल में CBDT को पावर दी गई है. यहां तक की किसानों के लिए भी क्या बदला आइए जानते हैं.;
देश में इस समय नए इनकम टैक्स बिल को लेकर चर्चा है. चर्चा इस बात की कि आखिर क्या कुछ नए बदलाव किए गए. गुरुवार को वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने नए बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है. अब ऐसे में इस नए बिल में क्या कुछ बदला और क्या कुछ वही पुराना है. इसके बारे में डिटेल जानकारी आज हम आपको देने आए हैं, चलिए जानते हैं.
1. आसान और ट्रांसपेरेंसी
इस बार पेश हुए बिल को आम जनता के हिसाब से तैयार किया गया है. मसलन आम जनता भी इसे आसान शब्तों में समझ ले इस तरह इसे तैयार किया गया है. एक बदलाव पेज का भी हुआ है. पहले बिल में कुल 880 पेज थे. इन्हें आसान बनाने के लिए इनकी संख्या कम कर दिया गया है. न्यू टैक्स बिल में 536 धाराएं और 23 चैप्टर हैं.
2. दूर होगी कंफ्यूजन
अक्सर लोगों को असेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर में कंफ्यूजन रहती थी. इस कंफ्यूजन को दूर किया गया है और अब सिर्फ टैक्स ईयर का इस्तेमाल किया जाने वाला है. आसान भाषा में कहा जाए तो 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 वाला साल अब टैक्स ईयर कहलाया जाएगा. यानी अब प्रीवियस ईयर या फिर असेसमेंट ईयर नहीं कहा जाएगा. फाइनेंशियल ईयर के 12 महीने पूरे होते ही इसे फाइनेंशियल ईयर कहा जाएगा.
3. VDA को दी गई मान्यता
इस बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) जैसे क्रिप्टोकरेंसी को आधिकारिक तौर पर प्रॉपर्टी की परिभाषा दी गई है. अब इसका मतलब है कि क्रिप्टोकरंसी को भी पूंजीगत संपत्ति माना जाएगा और उसी के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा.
4. CBDT को मिला ये अधिकार
नए रूल के अनुसार अब सीबीडीटी खुद से कई टैक्स स्कीम को शुरू कर सकता है. इसका अधिकार बोर्ड को दिया गया है. इससे पहले तक ऐसा नहीं होता था किसी योजना को लागू करने से पहले संसद से कॉन्टैक्ट करने की जरूरत होती थी.
5. जारी रहेगा डिडक्शन
न्यू इनकम टैक्स बिल के तहत पेंशन, NPS कंट्रीब्यूशन और इंश्योरेंस पर टैक्स डिडक्शन जारी रहेगा. रिटायरमेंट फंड, ग्रेच्युटी और पीएफ कंट्रीब्यूशन को भी टैक्स छूट के दायरे में रखा गया है. ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में निवेश पर भी टैक्स राहत दी जाएगी.
6. पेनाल्टी और भारी जुर्माना
अब इस नए रूल के तहत अगर किसी भी व्यक्ति ने जानबूझकर टैक्स की चोरी की तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का प्रवाधान पेस किया गया है. यहां तक की अकाउंट भी सीज किया जा सकता है. इसके अलावा गलत या अधूरी जानकारी देने पर भारी जुर्माना लगेगा.
7. कम होंगे विवाद
टैक्स को लेकर होने वाले विवाद को कम करने की भी नीति तैयार की गई है. अब पहले विश्वास किया जाएगा फिर जांच की जाने वाली नीति को अपनाया जाने वाला है. इस नीति का पालन करने पर टैक्स अधिकारी और टैक्सपेयर्स के बीच होने वाले विवाद को कम करने में मदद मिलेगी.
8. E-KYC होगी जरूरी
वहीं इस नए टैक्स बिल के तहत अधिक ट्रांसपेरेंसी और डिजीटल बनाना मकसद होने वाला है. . इसके लिए ई-केवाईसी (e-KYC) और ऑनलाइन टैक्स भुगतान को अनिवार्य किया जा रहा है. ई-फाइलिंग (E-Filing) अनिवार्य होने से टैक्स भुगतान में पारदर्शिता बढ़ेगी.
9. टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं
इस नए बिल में टैक्स रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इनकम टैक्स सलैब बरकरार ही रखे गए हैं. रिटर्न दाखिल करने, टैक्स का भुगतान करने और अन्य अनुपालन-संबंधी आवश्यकताओं की समयसीमा भी अपरिवर्तित रहेगी.
10. किसानों की इनकम को टैक्स फ्री
बिल में कुछ शर्तों के तहत कृषियों की आय को टैक्स फ्री रखा गया है. जानकारी के अनुसार र्मिक ट्रस्ट, संस्थाएं और दान में दी गई राशि पर कर छूट मिलेगी. इसके साथ ही इलेक्ट्रोरल ट्रस्ट को भी टैक्स से छूट दी गई है.