मुंबई से नागपुर अब सिर्फ 7 घंटे दूर, समृद्धि एक्सप्रेसवे ने बदली रफ्तार, जानें खासियत और टोल चार्ज
701 किलोमीटर लंबे हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि एक्सप्रेसवे का उद्धाटन हो चुका है. अब इसके चलते मुंबई से नागपुर सिर्फ 7 घंटे दूर है. इस हाई-स्पीड कॉरिडोर ने सिर्फ सफर का समय कम नहीं किया, बल्कि 10 जिलों के विकास की रफ्तार को भी दोगुना कर दिया है.;
कई सालों की योजना, मेहनत और इंतजार के बाद आखिरकार 701 किलोमीटर लंबे 'हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि एक्सप्रेसवे' का आखिरी टुकड़ा भी जुड़ गया. इगतपुरी (नासिक) से लेकर अमाने (ठाणे) तक के खंड के उद्घाटन के साथ ही यह एक्सप्रेसवे अब पूरी तरह चालू हो चुका है, जिसने एक नया सपना साकार कर दिया. अब आप मुंबई से नागपुर सिर्फ 7 घंटे में पहुंच सकते हैं.
इस हाई-स्पीड कॉरिडोर ने न सिर्फ सफर छोटा किया, बल्कि 10 जिलों के विकास की गति को भी दोगुना कर दिया. इस प्रोजेक्ट की लागत 55,335 करोड़ थी और इसके लिए करीब 8,800 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया, जिसमें 24,000 किसान शामिल थे. अमाने से इगतपुरी की दूरी, जो पहले घंटों में मापी जाती थीय अब बस 40 मिनट की रह गई है.
कहां है एंट्री पॉइंट?
मुंबई और नवी मुंबई से आने वालों के लिए इस एक्सप्रेसवे में एंट्री पॉइंट भिवंडी के पास है. यह शांगरीला वाटर पार्क के करीब है. मुंबई से अमाने पहुंचने में करीब 2 घंटे से थोड़ा ज्यादा वक्त लगता है. जो लोग घोटी से एक्सप्रेसवे में जुड़ते हैं, उन्हें अब कसारा घाट की खतरनाक चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ती. अब एक नया रास्ता बना है, जिसकी ऊंचाई सिर्फ 160 मीटर है. यानि यह रास्ता अब ज्यादा सुरक्षित और कम थकाऊ है.
टोल चार्ज क्या हैं?
- हल्के मोटर वाहन: 2.45 रुपये (2.06 रुपये से अधिक)
- हल्के वाणिज्यिक वाहन: 3.96 रुपये (3.32 रुपये से अधिक)
- दो-धुरी वाले भारी वाहन: 8.30 रुपये (6.97 रुपये से अधिक)
- तीन-धुरी वाले भारी वाहन: 9.05 रुपये (7.60 रुपये से अधिक)
- भारी निर्माण मशीनरी: 13.02 रुपये (10.93 रुपये से अधिक)
- बड़े आकार के वाहन (7+ धुरी): 15.84 रुपये (13.30 रुपये से अधिक)
तकनीक और प्रकृति का अनोखा संगम
इस एक्सप्रेसवे को केवल रफ्तार का नाम देना गलत होगा. यह अपने आप में एक इंफ्रास्ट्रक्चर चमत्कार है, जिसमें 73 पुल, वन्यजीवों के लिए अंडरपास और ओवरपास, 5 जुड़वां सुरंगें, 22 सुविधा केंद्र है और सबसे खास बात यह भारत की सबसे बड़ी राजमार्ग सुरंग प्रणाली, जिसमें ऑटोमैटिक कूलिंग और 200 मेगावाट सोलर एनर्जी जनरेशन शामिल है.
अब वधावन पोर्ट से भी जुड़ेगा एक्सप्रेसवे
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन के दौरान कहा था कि अब इस एक्सप्रेसवे को पालघर के प्रस्तावित वधावन पोर्ट से भी जोड़ा जाएगा. इससे यह सिर्फ एक हाईवे नहीं, बल्कि महाराष्ट्र का आर्थिक रीढ़ बन जाएगा. यह एक्सप्रेसवे सीधे जेएनपीटी (जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट) से जुड़ता है और पूरे 24 जिलों को जोड़ता है. यानि लॉजिस्टिक्स, इंडस्ट्रियल कनेक्टिविटी और अंतरराज्यीय व्यापार को मिल गया है एक नया, तेज़ और भरोसेमंद रास्ता.