मौन हो गए आर्थिक सुधारों के महानायक मनमोहन सिंह! कहानी सर झुकाकर चलने वाले आसमान की

Ex PM Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं रहे. उनका देहांत गुरुवार रात नौ बजकर 51 मिनट पर नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में हुआ. उनके कद का अंदाजा अक्सर लोग लगा पाने में नाकाम रहे. आइए जानते हैं 10 सवालों जवाबों के ज़रिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बारे में.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 27 Dec 2024 1:08 PM IST

90 के दशक के युवाओं के लिए ये जादूगर की तरह आए. जब देश की अर्थव्यवस्था चरमरा रही थी, नौकरियां लेंस लगाकर खोजने से भी नहीं मिल रही थी- तब आर्थिक उदारीकरण के रॉकेट से अरमानों को पंख लग गए. सौम्य, सरल और हमेशा सहज रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नहीं रहे. उनका देहांत गुरुवार रात नौ बजकर 51 मिनट पर नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में हुआ. उनके कद का अंदाजा अक्सर लोग लगा पाने में नाकाम रहे. आइए जानते हैं 10 सवालों जवाबों के ज़रिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बारे में.

1. सवाल: मनोमहन सिंह का जन्म कहां हुआ था?

जवाब: डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को गाह (Gah) नामक गांव में हुआ था, जो अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थित है. भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आकर बस गया था. गाह गांव की यादें और वहां के गुरुद्वारे से उनका गहरा लगाव रहा, लेकिन विभाजन के कारण वे अपने गांव दोबारा नहीं जा सके.

2. सवाल: परिवार में कौन कौन हैं?

जवाब: डॉ. मनमोहन सिंह का परिवार में पत्‍नी गुरशरण कौर के अलावा उनकी तीन बेटिंयां हैं जिनके नाम- अमृत सिंह, दमन सिंह और उपिंदर सिंह हैं.

3. सवाल: पूर्व पीएम के पास कौन - कौन सी डिग्री थी?

जवाब: डॉ. मनमोहन सिंह के पास कई प्रतिष्ठित डिग्रियां थीं. उन्‍होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में बी.ए.(ऑनर्स) की डिग्री हासिल की थी. इसके अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी से ही उन्‍होंने एम.ए. (अर्थशास्त्र) किया. 1957 में कैम्ब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज से उन्होंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी की. 1962 में उन्होंने ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी से से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (डी.फिल.) की डिग्री पूरी की.

4. सवाल: किस मंत्री से मनमुटाव के बाद बदली पूर्व पीएम की किस्मत?

जवाब: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ ललित नारायण मिश्रा के साथ उनके मनमुटाव के बाद आया, जो उनके करियर और किस्मत में बदलाव का कारण बना. यह घटना उनके इकोनॉमिक नौकरशाही के जीवन में एक प्रमुख मोड़ साबित हुई, और उनकी किस्मत में बदलाव की वजह बनी. ललित नारायण मिश्रा उस समय केंद्रीय रेल मंत्री थे, और मनमोहन सिंह भारतीय रिजर्व बैंक में काम कर रहे थे. इस मनमुटाव के कारण डॉ. मनमोहन सिंह की राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव आया, और उन्हें प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला.

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5. सवाल: आख़िर क्यों भड़क गए थे मनमोहन सिंह पर राजीव गांधी?

जवाब: राजीव गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह के बीच तनाव की प्रमुख घटना उस समय हुई जब डॉ. मनमोहन सिंह योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे और राजीव गांधी प्रधानमंत्री. यह घटना 1987-89 के दौरान की है. मनमोहन प्रधानमंत्री को विकास को लेकर एक प्रजेंटेशन दे रहे थे. तभी राजीव ने उन्हें फटकार लगा दी. मनमोहन का प्रजेंटेशन ग्रामीण अर्थव्यवस्था और विकास को लेकर था. अगले दिन जब इसको लेकर राजीव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने योजना आयोग को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. राजीव गांधी ने कहा कि मनमोहन सिंह योजना आयोग एक जोकर आयोग है. कहा जाता है कि मनमोहन सिंह राजीव की इस टिप्पणी से बहुत ही नाराज हुए. इस्तीफा देने की भी ठान ली, लेकिन दोस्तों की समझाइश और देशहित में पद पर बने रहे.

6. सवाल: बतौर वित्त मंत्री ऐतिहासिक क्यों रहा इनका 91 वाला बजट?

जवाब: डॉ. मनमोहन सिंह का 1991 का केंद्रीय बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक ऐतिहासिक मोड़ के रूप में जाना जाता है. यह बजट उस समय पेश किया गया था, जब भारत गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था. इस बजट ने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण (LPG) के रास्ते पर डाला, जिसने देश की आर्थिक दिशा को बदल दिया.

7. सवाल: 2004 में कैसे अचानक आया पीएम पद के लिए मनमोहन सिंह का नाम?

जवाब: 2004 में प्रधानमंत्री पद के लिए डॉ. मनमोहन सिंह का नाम अचानक सामने आना भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक घटना थी. इसका कारण सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री पद स्वीकार न करना और उनके विकल्प के रूप में मनमोहन सिंह का चुनना था. कांग्रेस ने 2004 के लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित रूप से जीत दर्ज की. गठबंधन के रूप में यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस) सरकार बनाने के लिए बहुमत प्राप्त हुआ. चुनाव जीतने के बाद सोनिया गांधी को यूपीए के नेताओं ने प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव दिया. लेकिन सोनिया गांधी ने व्यक्तिगत और राजनीतिक कारणों से यह पद स्वीकार करने से इनकार कर दिया.

8. सवाल: मनमोहन सरकार में कितना दखल रहता था गांधी परिवार का?

जवाब: डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में गांधी परिवार का दखल एक महत्वपूर्ण मुद्दा था. हालांकि, डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता संभाल रहे थे और उनकी छवि एक सशक्त और विद्वान नेता की थी, फिर भी गांधी परिवार, विशेषकर सोनिया गांधी, का प्रभाव और दखल काफी बड़ा था. यह दखल पार्टी की राजनीतिक दिशा और सरकार के निर्णयों पर प्रभाव डालने के संदर्भ में था.

9. सवाल: पांच फ़ैसले कौन से हैं, जिनके लिए कर्जदार रहेगा देश?

जवाब: अब बात करते है मनमोहन सिंह के पांच फैसले के जिनसे लिए हमेशा देश कर्जदार रहेगा. आइए उनके कार्यकाल में किए गए कुछ ऐतिहासिक बदलावों के बारे में जानते हैं. पहला- शिक्षा का अधिकार कानून (2009), दूसरा- सूचना का अधिकार (2005), तीसरा- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (2013). चौथा- मनरेगा (2005)- वन अधिकार कानून (2006).

10. सवाल: क्या जो चाहा वो किया? परमाणु डील वाला किस्सा क्या है?

जवाब: डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में परमाणु डील (India-US Nuclear Deal) एक बेहद महत्वपूर्ण और विवादास्पद मामला था, जिसे लेकर भारतीय राजनीति में कई बहसें उठीं. यह डील 2005 में भारत और अमेरिका के बीच हुई थी, और इसे 2008 में अंतिम रूप दिया गया. डॉ. मनमोहन सिंह ने इसे एक ऐतिहासिक कदम माना, लेकिन इसके खिलाफ भी कई आलोचनाएं की गईं.

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