दुनिया में Made in India हथियारों की धूम, ऑपरेशन सिंदूर के बाद और बढ़ी धाक; भारत बना 80 देशों का डिफेंस सप्लायर
7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर पूरी दुनिया को अपनी रक्षा ताकत का एहसास कराया. ‘मेड इन इंडिया’ हथियारों से लैस जवाबी स्ट्राइक में आकाश इंटरसेप्टर और इजरायली तकनीक वाले भारतीय ड्रोन फ्लीट ने भी दम दिखाया. यह सिर्फ हमला नहीं, भारत की रक्षा निर्माण क्षमता की वैश्विक उद्घोषणा थी.;
7 मई की रात भारत ने जब पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, तो दुनिया ने न सिर्फ भारतीय सेना की रणनीति देखी, बल्कि भारत की घरेलू रक्षा ताकत का भी लोहा माना. इस सर्जिकल स्ट्राइक में ‘मेड इन इंडिया’ ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों ने दुश्मन की जड़ें हिला दीं. जवाब में जब पाकिस्तान ने हमला करने की कोशिश की, तो उसे भारतीय आकाश इंटरसेप्टर ने रास्ते में ही ढेर कर दिया.
और जवाबी हमलों में जिस ड्रोन फ्लीट ने दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया, वो भी भारत में बनी, इजरायली तकनीक पर आधारित ड्रोन थे. यह केवल भारत की सुरक्षा प्रतिक्रिया नहीं थी, यह भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री की वैश्विक शक्ति की उद्घोषणा थी.
80 देशों का भरोसा
कभी रक्षा आयात पर निर्भर रहने वाला भारत अब एक हथियार निर्यातक राष्ट्र बन चुका है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, बीते 10 वर्षों में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 34 गुना बढ़ा है. वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 23,662 करोड़ रुपये का रक्षा सामान दुनिया को बेचा और लक्ष्य है 2029 तक इसे 50,000 करोड़ तक पहुंचाना. इनमें से 15,233 करोड़ रुपये का निर्यात प्राइवेट सेक्टर ने किया, जबकि 8,389 करोड़ रुपये का योगदान सरकारी रक्षा उपक्रमों (DPSU) का रहा.
पिनाका से ब्रह्मोस तक: भारत के हथियारों की वैश्विक मांग
पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर, जिसे DRDO ने विकसित किया है, आज कई देशों की नजर में है. इसका मार्क-1 संस्करण 40 किमी और मार्क-2 65 किमी तक वार कर सकता है. इसकी खूबी है – 42 सेकंड में 12 रॉकेट दागने की क्षमता. वहीं, ब्रह्मोस मिसाइल की बात करें तो इसकी रफ्तार ध्वनि से तीन गुना तेज है (Mach 3) और यह 10 मीटर की ऊंचाई से बेहद सटीक वार कर सकती है. पाकिस्तान में हालिया हमले ने इसकी विध्वंसक क्षमता को एक बार फिर साबित कर दिया है.
पूरा रक्षा इकोसिस्टम दे रहा है दुनिया को
भारत अब सिर्फ मिसाइल या टैंक नहीं बेच रहा, बल्कि एक पूरा रक्षा इकोसिस्टम एक्सपोर्ट कर रहा है. इसमें शामिल हैं:
- तेजस फाइटर जेट
- K9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी गन
- डोर्नियर-228 एयरक्राफ्ट
- विभिन्न ड्रोन सिस्टम्स
भारत क्यों बन रहा है ग्लोबल डिफेंस हब?
भारत के हथियार सस्ते हैं, तकनीकी रूप से उन्नत हैं, और युद्ध में परखे हुए हैं. यही वजह है कि जिन देशों के पास खुद की हथियार इंडस्ट्री है, वे भी भारतीय हथियारों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. भारत के डिफेंस उत्पाद अब सिर्फ ‘मेड इन इंडिया’ नहीं, बल्कि ‘प्रूवन इन बैटल’ हैं और यही उन्हें वैश्विक बाजार में सबसे अलग बनाता है.