9वीं छात्रा बनी मां! सरकारी स्कूल के टॉयलेट में दिया मासूम को जन्म, परिजन और स्टाफ की चुप्पी पर पुलिस भी हैरान

karnataka News: कर्नाटक के सरकारी स्कूल में कक्षा 9वीं की छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्ची के साथ रेप हुआ था, लेकिन परिजन और स्कूल प्रशासन ने किसी को इसके बारे में नहीं बताया. पुलिस ने इस मामले में स्कूल के स्टाफ और संबंधित अन्यों के खिलाफ FIR दर्ज की है.;

( Image Source:  canava )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 29 Aug 2025 12:38 PM IST

karnataka News: कर्नाटक के यदगिर जिले के शाहपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक सरकारी स्कूल में कक्षा 9वीं की छात्रा ने बुधवार (27 अगस्त) को एक बच्चे को जन्म दिया. छात्रा की डिलीवरी टॉयलेट में हुई, इस घटना के बाद पूरे स्कूल में हड़कंप मच गया. इतनी छोटी बच्ची के मां बनने की घटना से स्कूल अब विवादों में आ गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस पूरे मामले में स्कूल के स्टाफ के कामकाज और छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं. बच्ची ने दोपहर करीब 2 बजे नवजात को जन्म दिया. इसके बाद छात्रा और नवजात को शाहापुर सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों की सेहत स्थिर बताई गई है.

क्या है मामला?

पुलिस ने इस मामले में स्कूल के स्टाफ और संबंधित अन्यों के खिलाफ FIR दर्ज की है, जिसमें बताया गया कि लगभग 9-10 महीने पहले इस छात्रा के साथ रेप हुआ था, लेकिन उसने किसी का नाम लेने से इंकार कर दिया है. घटना के तुरंत बाद स्कूल प्रशासन ने इसे किसी को नहीं बताया. वहीं पीड़िता के भाई के कहने पर मामले को दबा कर रखा गया.

स्कूल प्रशासन पर लगे आरोप

यदगिर के डिप्टी कमिश्नर हर्षल भोयर, एसपी पृथ्विक शंकर और CEO लविश ऑर्डिया तुरंत अस्पताल पहुंचे और जांच शुरू की. उन्होंने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. कर्नाटक आवासीय शैक्षणिक संस्थान समिति (KREIS) ने स्कूल के चार कर्मचारियों प्रधानाचार्य बासम्मा, वार्डन गीता, साइंट के टीचर नरसिम्हामूर्ति और फिजिकल एजुकेशन की टीचर श्रीधर को मामले की अनदेखी और छात्रा की देखरेख में कमी के आरोप में निलंबित कर दिया. साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया है.

स्कूल के नियमों का उल्लंघन

स्कूल के नियम के मुताबिक, एक स्टाफ नर्स को हॉस्टल में छात्राओं का हेल्थ चेकअप और पीरियड्स की जांच करनी चाहिए. अगर किसी की सेहत में थोड़ा भी बदलाव या परेशानी दिखती है तो उसे डॉक्टर के पास ले जाना होता है. अब सवाल यह उठता है कि जब ये रूल्स बनाए गए हैं तो फिर 9वीं कक्षा की छात्रा के प्रेग्नेंट होने की बात कैसे नहीं पता चली.

डिलीवरी से पहले प्रशासन को बच्ची की हालत के बारे में कैसे नहीं पता चला. अब पुलिस रेप के आरोपी की तलाश कर रही है. साथ ही परिवार की चुप्पी पर भी संदेह नजर आ रहा है.

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