वक्फ संशोधन विधेयक को JPC की मिली हरी झंडी, 14 बदलावों में विपक्ष का एक भी सुझाव मंजूर नहीं
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार को वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें 14 संशोधन शामिल किए गए हैं. इस विधेयक की अंतिम रिपोर्ट आगामी बजट सत्र में सदन के समक्ष पेश की जाएगी. भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के नेतृत्व वाली समिति को विधेयक पर कुल 44 संशोधन प्रस्ताव प्राप्त हुए थे.;
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने सोमवार को वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जिसमें 14 संशोधन शामिल किए गए हैं. इस विधेयक की अंतिम रिपोर्ट आगामी बजट सत्र में सदन के समक्ष पेश की जाएगी. भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के नेतृत्व वाली समिति को विधेयक पर कुल 44 संशोधन प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, जिनमें से कई विपक्षी सांसदों द्वारा सुझाए गए थे. हालांकि, मतदान के माध्यम से विपक्ष के सभी प्रस्तावित संशोधनों को खारिज कर दिया गया, जबकि भाजपा नीत एनडीए सदस्यों द्वारा सुझाए गए सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया.
बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने मीडिया को बताया कि समिति द्वारा अपनाए गए संशोधन कानून को अधिक प्रभावी और बेहतर बनाएंगे. विपक्षी सदस्यों ने समिति के इस निर्णय पर आपत्ति जताई, लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन ने इसे विधेयक में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
14 बदलाव के साथ मिली मंजूरी
संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार करते हुए कुल 44 संशोधन प्रस्तावों में से केवल 14 को मंजूरी दी है. समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने विधेयक की लगभग सभी धाराओं में सैकड़ों संशोधन प्रस्तावित किए थे, लेकिन उन्हें मतदान के माध्यम से खारिज कर दिया गया.
समिति द्वारा किए गए प्रमुख संशोधनों में यह प्रावधान जोड़ा गया है कि वर्तमान वक्फ कानून के तहत 'वक्फ बाय यूजर' के आधार पर मौजूद संपत्तियों को चुनौती नहीं दी जा सकती है, यदि इन संपत्तियों का उपयोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा हो. यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के दावे और उपयोग को लेकर अधिक स्पष्टता और सुरक्षा प्रदान करेगा.
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी की बैठक के बाद इसके एक सदस्य - सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि, 'यह देश के अल्पसंख्यकों के साथ, वक्फ बोर्ड के साथ एक मजाक है. संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं. इससे ऐसा लगता है कि जो विधेयक लाया गया था वह सिर्फ एक मजाक था. यह वक्फ बोर्ड को लूटने की एक प्रक्रिया है. संसदीय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया.
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर जेपीसी की बैठक के बाद, इसके एक सदस्य - कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि 'जब से जेपीसी की बैठकें शुरू हुईं, हितधारकों को बुलाया गया. 95-98% हितधारकों ने विधेयक का विरोध किया. चाहे वह अध्यक्ष हों या मंत्रालय, उनके जवाब सदस्यों को नहीं दिए गए. उन पर चर्चा नहीं की गई.
हितधारकों से मिलने के बाद खंड-दर-खंड चर्चा की जाती है. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. हमें चर्चा के मिनट उपलब्ध नहीं कराए गए. हमने संशोधन पेश किए. बिना किसी चर्चा या स्पष्टीकरण के, उन्होंने संशोधनों को मतदान के लिए रख दिया. उन्होंने इसे (मतदान में) हरा दिया. सभी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर दिया गया और अध्यक्ष ने विधेयक में मामूली बदलाव किए और इसे आगे बढ़ा दिया.