'यह पाकिस्तान के लिए विनाशकारी हो सकता था', Op सिंदूर को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल ने किया चौंकाने वाला खुलासा- Video

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घोष ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के लिए संभावित विनाशकारी परिणामों का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना अरब सागर में कार्रवाई के लिए तैनात थी और अगर पाकिस्तान ने पीछे नहीं हटे तो स्थिति गंभीर हो सकती थी. यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया था.;

( Image Source:  ANI )
By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 15 Oct 2025 8:02 AM IST

मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा संचालित ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए. चार दिन तक जारी इस सैन्य अभियान ने पाकिस्तान को युद्धविराम का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर कर दिया, जब भारतीय नौसेना अरबी सागर में पूरी तैयारी के साथ खड़ी थी.

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घटा, डीजीएमओ, ने संयुक्त राष्ट्र के ट्रूप कॉन्ट्रिब्यूटिंग कंट्रीज (UNTCC) चीफ्स कॉन्क्लेव में ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यदि पाकिस्तान ने पीछे नहीं हटने का निर्णय लिया होता तो परिणाम उनके लिए विनाशकारी हो सकते थे.

भारतीय नौसेना की रणनीति और तैयारियाँ

“भारतीय नौसेना पूरी तरह तैयार थी. यह शायद बहुत कम लोग जानते हों कि नौसेना अरबी सागर में तैनात थी. जब DGMO ने निर्देश दिए, नौसेना पूरी तरह से कार्रवाई के लिए तैयार थी,” लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घटा ने कहा. उन्होंने बताया कि अप्रैल 22 से मई 6-7 तक के बीच सभी गतिविधियां सतत विकसित हो रही थीं, जिसमें लक्ष्यों की प्राथमिकता तय की जा रही थी और सीमाओं पर अतिरिक्त तैनाती की गई थी.

लक्ष्यों का चयन और संचालन

ऑपरेशन में लक्ष्यों का अंतिम चयन सेना द्वारा विस्तृत विश्लेषण के बाद किया गया. “एक बड़े पूल से चयन किया गया और सभी संबंधित सरकारी विभाग एवं एजेंसियां समन्वय में लगी थीं,” उन्होंने बताया. इसके साथ ही एक सूचना युद्ध अभियान भी समानांतर रूप से चल रहा था. लेफ्टिनेंट जनरल घटा के अनुसार, पाकिस्तान ने लोसी पर 100 से अधिक सैन्यकर्मियों की हानि झेली. उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी संभवतः अनजाने में 14 अगस्त को अपने पोस्टह्यूमस अवार्ड्स की सूची सार्वजनिक कर बैठे, जिससे पता चलता है कि उनकी हानियां 100 से अधिक थीं.” उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन हमले भारत के खिलाफ “पूरा असफल” रहे.

आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक बदलाव

“हमारे प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आतंकवादी हमले युद्ध की तरह हैं, निर्णायक जवाब मिलेगा, हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे झुकेंगे नहीं, और आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों में कोई अंतर नहीं,” लेफ्टिनेंट जनरल घटा ने बताया. जुलाई में गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया कि पहलगाम हमले में शामिल तीन आतंकवादी ऑपरेशन महादेव के दौरान मारे गए. लेफ्टिनेंट जनरल घटा ने कहा, “हमने उन्हें 96 दिनों तक पीछा किया, जब वे मिल गए और उन्हें समाप्त किया गया. यह सुनिश्चित किया कि न्याय पूरा हुआ.'

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