क्या देश भर के IIT पर कम हो रहा कंपनियों का भरोसा, प्लेसमेंट को लेकर क्या कह रहे सरकारी आंकड़े?
IITs को भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में गिना जाता है, और यहां के प्लेसमेंट ट्रेंड से देश के तकनीकी और औद्योगिक बाजार की स्थिति का भी अंदाजा मिलता है. आंकड़ों से यह भी पता चला कि 2021-22 में प्लेसमेंट दर में वृद्धि हुई थी, लेकिन 2022-23 और 2023-24 में यह लगातार गिरती रही.;
भारत के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) में बीटेक प्लेसमेंट दरों में पिछले दो वर्षों के दौरान उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जो संसद की शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति को प्रस्तुत किए गए, 2023-24 में 23 में से 22 IITs में प्लेसमेंट दर घटी है, जब इसे 2021-22 के आंकड़ों से तुलना की गई. हालांकि, IIT (BHU) वाराणसी इस गिरावट से अछूता रहा और वहां प्लेसमेंट में मामूली सुधार दर्ज किया गया.
लगभग सभी IITs में गिरावट
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, IIT (BHU) वाराणसी को छोड़कर, बाकी 22 IITs में प्लेसमेंट दर में गिरावट देखी गई है. यह खुलासा संसद की स्थायी समिति को दी गई जानकारी में हुआ, जिसमें उच्च शिक्षा विभाग के 2025-26 के बजट से जुड़ी सिफारिशें की गई थीं. कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में IITs और IIITs में प्लेसमेंट की "असामान्य गिरावट" को चौंकाने वाला बताया.
पुराने IITs पर भी असर
इस गिरावट का असर सिर्फ नए IITs तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के प्रतिष्ठित पुराने IITs भी इससे अछूते नहीं रहे. प्रमुख IITs में प्लेसमेंट में आई गिरावट कुछ इस प्रकार रही :
- IIT मद्रास : 85.71% से घटकर 73.29% (12% की गिरावट)
- IIT बॉम्बे : 96.11% से घटकर 83.39% (करीब 13% की गिरावट)
- IIT कानपुर : 93.63% से घटकर 82.48% (11% की गिरावट)
- IIT दिल्ली : 87.69% से घटकर 72.81% (करीब 15% की गिरावट)
सबसे ज्यादा गिरावट कहां?
IIT धारवाड़ में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जहां प्लेसमेंट 90.20% से घटकर 65.56% हो गया, यानी करीब 25% की गिरावट. इसके बाद, IIT जम्मू में प्लेसमेंट दर 92% से गिरकर 70% हो गई. 2021-22 में, 23 में से 14 IITs में 90% से अधिक प्लेसमेंट हुआ था. लेकिन 2023-24 में सिर्फ तीन IITs – IIT जोधपुर, IIT पटना और IIT गोवा – ही 90% से अधिक प्लेसमेंट हासिल कर पाए. सबसे ज्यादा प्लेसमेंट IIT जोधपुर (92.98%) में रहा, जबकि सबसे कम IIT धारवाड़ (65.56%) में दर्ज किया गया.
क्या कहती है सरकार?
सरकार का कहना है कि प्लेसमेंट में गिरावट का एक कारण छात्रों का उच्च शिक्षा के लिए जाना या स्टार्टअप्स शुरू करना भी हो सकता है. हालांकि, समिति ने सुझाव दिया कि सरकार को छात्रों की रोजगार क्षमता (Employability) बढ़ाने के लिए नए उपाय करने चाहिए.
नौकरी के बाजार का प्रभाव
आंकड़ों से यह भी पता चला कि 2021-22 में प्लेसमेंट दर में वृद्धि हुई थी, लेकिन 2022-23 और 2023-24 में यह लगातार गिरती रही. उदाहरण के लिए, IIT कानपुर में 2020-21 में 81% छात्रों को प्लेसमेंट मिला था, जो 2021-22 में बढ़कर 94% हो गया. लेकिन 2022-23 में यह घटकर 89% और 2023-24 में 82% रह गया.
छात्रों की भागीदारी बढ़ी, लेकिन नौकरियां घटीं
IIT तिरुपति को छोड़कर, बाकी सभी IITs में 2021-22 की तुलना में 2023-24 में प्लेसमेंट के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है. हालांकि, नौकरियों की उपलब्धता उतनी नहीं बढ़ी, जिससे प्लेसमेंट प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई.
क्या होंगे इसके प्रभाव?
IITs को भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में गिना जाता है, और यहां के प्लेसमेंट ट्रेंड से देश के तकनीकी और औद्योगिक बाजार की स्थिति का भी अंदाजा मिलता है. यह गिरावट बताती है कि नौकरी के अवसरों की संख्या में कमी आई है, जिससे छात्रों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. अब देखना होगा कि सरकार और IITs इस समस्या को हल करने के लिए क्या कदम उठाते हैं.