टैरिफ विवाद के बीच भारत अमेरिका से करने जा रहा ये सौदा, 8300 करोड़ की डिफेंस डील तय!

भारत अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (LCA Tejas) के लिए अमेरिका की कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ करीब 1 बिलियन डॉलर (लगभग ₹8,300 करोड़) की बड़ी डील करने जा रहा है. इस करार के तहत भारत को 113 अतिरिक्त GE-404 इंजन मिलेंगे, जिसकी आपूर्ति GE हर महीने दो इंजनों की दर से करेगी.;

( Image Source:  Sora_ AI )

भारत अपने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस के लिए अमेरिका की कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ बड़ा करार करने जा रहा है. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, भारत और GE के बीच 113 अतिरिक्त GE-404 इंजनों की आपूर्ति के लिए करीब 1 बिलियन डॉलर का सौदा सितंबर तक फाइनल हो सकता है.

सूत्रों के अनुसार, GE कंपनी अब से हर महीने दो इंजन सप्लाई करेगी ताकि भारतीय कार्यक्रम की समयसीमा पूरी की जा सके. यह डील उस समय हो रही है जब हाल ही में भारत ने 62,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 अतिरिक्त LCA मार्क 1A लड़ाकू विमान खरीदने का बड़ा करार किया था.

पहले हुए करार और नई डील

सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पहले ही 83 तेजस विमानों के लिए 99 GE-404 इंजन का ऑर्डर GE को दे चुकी है। अब नई डील 113 और इंजनों के लिए है, जिससे HAL के पास कुल 212 GE-404 इंजन उपलब्ध हो जाएंगे. इससे सप्लाई चेन बाधित नहीं होगी और प्रोजेक्ट में देरी नहीं होगी.

भविष्य की योजना: स्वदेशी इंजन पर भी काम

भारत को अपने LCA मार्क 2 और एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए लगभग 200 GE-414 इंजन की जरूरत होगी। HAL इन इंजनों के लिए GE के साथ अलग करार कर रही है, जिसमें 80% तकनीक हस्तांतरण (Transfer of Technology) शामिल होगा.

वर्तमान योजना के अनुसार, HAL 2029-30 तक 83 विमान और 2033-34 तक 97 अतिरिक्त LCA मार्क 1A वायुसेना को सौंपेगी. इन डील्स का मकसद वायुसेना के पुराने MiG-21 बेड़े को बदलना है, जिसे सरकार धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से रिटायर कर रही है. भारत का लक्ष्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना है और इसके लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान इंजन प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है, जिसमें फ्रांस की सफरान कंपनी सहयोग कर रही है.

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