अब 'ना-पाक' और ड्रैगन को नहीं आएगी नींद! ड्रोन से मिसाइल दागने वाला सिस्‍टम भारत ने कर लिया तैयार, ULPGM-V3 की जान लीजिए खूबियां

डीआरडीओ ने कर्नूल स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज में UAV-Launched Precision Guided Missile (ULPGM)-V3 का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल ड्रोन से दागी जा सकती है और "फायर एंड फॉरगेट" क्षमता से लैस है. 12.5 किलो वजनी यह मिसाइल दिन में 4 किमी और रात में 2.5 किमी तक मार कर सकती है. इसमें इमेजिंग इन्फ्रारेड सीकर, मल्टीपल वारहेड ऑप्शन और टू-वे डाटा लिंक जैसी खूबियां हैं.;

Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 25 July 2025 4:13 PM IST

भारत ने अपनी सैन्य ताकत में जबरदस्त बढ़ोतरी करते हुए दुश्मनों को चेतावनी दे दी है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में UAV Launched Precision Guided Missile (ULPGM)-V3 का सफल परीक्षण किया. यह बेहद खास इसलिए है क्योंकि यह मिसाइल ड्रोन से दागी जाती है और सटीक निशाने के साथ दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम है. ULPGM-V3 को ULPGM का एक्सटेंडेड रेंज वर्जन माना जा रहा है, जो दिन में 4 किमी और रात में 2.5 किमी दूर तक सटीक वार कर सकता है.

इस मिसाइल में फायर एंड फॉरगेट तकनीक है, यानी एक बार टारगेट लॉक होने के बाद ऑपरेटर को गाइड करने की जरूरत नहीं रहती. इसमें इमेजिंग इंफ्रारेड (IR) सीकर है, जो इसे दिन और रात दोनों समय ऑपरेट करने योग्य बनाता है. इस परीक्षण के बाद भारत का रक्षा तंत्र और मजबूत हुआ है क्योंकि अब हमारी सेना बिना मानव जोखिम के ड्रोन से सटीक हमले कर सकेगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा, “यह सफलता साबित करती है कि भारतीय उद्योग अब अहम डिफेंस टेक्नोलॉजी को न केवल अपना रहा है, बल्कि उसे बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भी तैयार है.”

क्या है ULPGM-V3?

ULPGM-V3, जिसे ULM-ER (Extended Range Variant) भी कहा जाता है, DRDO द्वारा विकसित एक एयर-टू-सर्फेस प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल है, जो UAV यानी अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स से लॉन्च की जाती है. इसे पहली बार Aero India 2025 शो (बेंगलुरु, 10-14 फरवरी) में प्रदर्शित किया गया था.

ULPGM-V3 की मुख्य विशेषताएं

  • गाइडेंस सिस्टम: इमेजिंग इंफ्रारेड (IR) सीकर आधारित पैसिव होमिंग क्षमता, जो दिन और रात दोनों समय ऑपरेशन की सुविधा देती है.
  • फायर-एंड-फॉरगेट तकनीक: लॉन्च के बाद ऑपरेटर को मार्गदर्शन की जरूरत नहीं.
  • वजन और रेंज: 12.5 किलो वजन, ड्यूल थ्रस्ट सॉलिड प्रोपल्शन यूनिट से लैस.

अधिकतम रेंज

  • दिन में: 4 किमी
  • रात में: 2.5 किमी
  • डेटालिंक: टू-वे कम्युनिकेशन के लिए सक्षम
  • टारगेट क्षमता: स्थिर और गतिशील दोनों तरह के लक्ष्यों को सटीकता से भेदने की योग्यता
  • वारहेड विकल्प: विभिन्न प्रकार के वारहेड्स के साथ मिशन आवश्यकताओं के अनुरूप

कौन बना रहा है यह मिसाइल?

  • डेवलपर: DRDO
  • इंडस्ट्रियल पार्टनर्स: अडानी डिफेंस और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL)
  • इसमें MSMEs और स्टार्ट-अप्स भी बड़ी संख्या में शामिल हैं
  • ULPGM के तीन वेरिएंट्स
  • ULPGM V1 – बेसलाइन वर्जन
  • ULPGM V2 – प्रोडक्शन वेरिएंट (ULPGM)
  • ULPGM V3 (ULM-ER) – एक्सटेंडेड रेंज वर्जन
  • अंतर: गाइडेंस सिस्टम, रेंज और परफॉर्मेंस में सुधार

भारत की रक्षा शक्ति को कैसे मजबूत करेगा?

  • यह सिस्टम भारतीय सशस्त्र बलों को सटीक हमले (Precision Strike) की क्षमता देगा.
  • सीमा पर तैनात UAVs को अधिक मारक क्षमता मिलेगी.
  • आयात पर निर्भरता कम होगी और आत्मनिर्भर भारत मिशन को गति मिलेगी.
  • पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों की चुनौती को देखते हुए यह मिसाइल फोर्स मल्टीप्लायर का काम करेगी.


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