अगर आप भी टॉयलेट में मोबाइल करते हैं स्क्रॉल तो आपको भी हो सकता है बवासीर का खतरा! मेडिकल स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा
क्या आप भी टॉयलेट में बैठकर स्मार्टफोन स्क्रॉल करने के आदी हैं? तो सावधान हो जाइए. हाल ही में सामने आई एक मेडिकल स्टडी में बड़ा खुलासा हुआ है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि टॉयलेट पर लंबे समय तक मोबाइल चलाने की आदत से बवासीर (Piles) होने का खतरा 40% से 46% तक बढ़ सकता है.;
क्या आप भी टॉयलेट में बैठकर स्मार्टफोन स्क्रॉल करने के आदी हैं? तो सावधान हो जाइए. हाल ही में सामने आई एक मेडिकल स्टडी में बड़ा खुलासा हुआ है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि टॉयलेट पर लंबे समय तक मोबाइल चलाने की आदत से बवासीर (Piles) होने का खतरा 40% से 46% तक बढ़ सकता है.
दरअसल, टॉयलेट सीट पर लंबे समय तक बैठने से शरीर के पेल्विक फ्लोर (Pelvic Floor) पर दबाव बढ़ जाता है. यही दबाव धीरे-धीरे गुदा में खून जमा होने की स्थिति पैदा करता है, जिससे हेमोरॉयड्स यानी बवासीर का जोखिम बढ़ जाता है. डॉक्टरों का मानना है कि यह आदत आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या का कारण बन रही है.
टॉयलेट में फोन स्क्रॉल करने से क्यों बढ़ता है खतरा?
शोध के अनुसार, जब लोग टॉयलेट में फोन स्क्रॉल करने लगते हैं तो वे जरूरत से ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं. यह अनावश्यक दबाव गुदा क्षेत्र की नसों पर असर डालता है और खून के थक्के बनने लगते हैं. लंबे समय तक ऐसा करना बवासीर का प्रमुख कारण बन सकता है.
पेल्विक फ्लोर और उसकी भूमिका
पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों का एक जाल है, जो पुरुषों में पेट के निचले हिस्से में आंत और मूत्राशय को सहारा देता है. वहीं महिलाओं में यह गर्भाशय और योनि को सहारा देता है. जब टॉयलेट में जरूरत से ज्यादा समय बिताया जाता है, तो इन मांसपेशियों पर दबाव असामान्य रूप से बढ़ जाता है, जिससे हेमोरॉयड्स की आशंका कई गुना बढ़ जाती है.
स्टडी का निष्कर्ष
अध्ययन में यह भी सामने आया कि टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ समय बर्बाद नहीं करता, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को भी न्योता देता है. यही कारण है कि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि टॉयलेट में केवल आवश्यक समय ही बिताएं और स्मार्टफोन जैसी चीजों से दूरी बनाए रखें.
क्या करें और क्या न करें?
- टॉयलेट में मोबाइल ले जाने से बचें.
- मल त्याग के दौरान अनावश्यक दबाव न डालें.
- अगर लंबे समय से कब्ज की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें.
- फाइबर युक्त आहार और पर्याप्त पानी का सेवन करें.