धुएं में घुट गई ज़िंदगी... हैदराबाद की आग में गईं 17 जानें; गुलजार हाउस कैसे बना कब्रगाह?
हैदराबाद के चारमीनार के पास रविवार सुबह एक रिहायशी इमारत में भीषण आग लगने से 17 लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और एक बच्ची शामिल हैं. आग ग्राउंड फ्लोर के गोदाम से शुरू हुई और धुआं तेजी से पूरी इमारत में फैल गया. दमकलकर्मियों ने घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पीएम मोदी ने मुआवज़े का ऐलान किया.;
हैदराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार से चंद कदम दूर गुलजार हाउस परिसर की एक बहुमंज़िला इमारत रविवार तड़के भीषण आग की चपेट में आ गई. धुआं इतने तेजी से फैला कि परिवारों को निकलने का वक्त ही नहीं मिला और 17 लोगों की जान चली गई, जिनमें सात साल की एक बच्ची और कई महिलाएँ भी शामिल हैं.
सुबह 6.30 बजे जब आसपास के लोगों ने लपटें देखीं तो फ़ायर ब्रिगेड को खबर दी गई, लेकिन मोगलपुरा और गौलीगुड़ा स्टेशनों से आई 11 दमकल गाड़ियों को गली की तंग चौड़ाई ने आगे बढ़ने नहीं दिया. दमकलकर्मियों को पास की इमारतों पर चढ़कर पाइप लाइनें बिछानी पड़ीं और तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका.
धुआं बना बड़ा हत्यारा
अग्निशमन विभाग की शुरुआती पड़ताल बताती है कि आग ग्राउंड फ़्लोर के एक कमर्शियल गोदाम से उठी. लपटों से ज़्यादा मौतें घुटन से हुईं, क्योंकि ऊपरी मंज़िलों तक धुआं कुछ ही मिनट में भर गया. दस घायलों को डीआरडीओ और उस्मानिया जनरल अस्पतालों में दाख़िल कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई गई है.
पीएम ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए हर मृतक के निकटतम परिजन को दो लाख रुपये और घायल प्रत्येक व्यक्ति को पचास हजार रुपये की सहायता प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से देने का एलान किया. राज्य सरकार ने भी अलग से राहत पैकेज और मजिस्ट्रेटी जांच की घोषणा की है.
जांच अब शॉर्ट सर्किट पर केंद्रित
फोरेंसिक टीमों ने साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं और शुरुआती शक शॉर्ट सर्किट पर है. नगर निगम ने उसी इमारत समेत इलाके की अन्य पुरानी इमारतों की वायरिंग और अग्नि सुरक्षा मानकों का ऑडिट करने का आदेश दिया है, ताकि पुरातन मोहल्ले में दोबारा ऐसी भयावह घटना न दोहराए.