कैसे लागू होगा 'एक राष्ट्र, एक चुनाव'? जानें आर्टिकल 82A और इसके प्रावधान
केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस प्रस्ताव की चर्चा पूरे देश में हो रही है. कोविंद समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार कई प्रावधानों की चर्चा हो रही है. संविधान में दो अनुच्छेद 82A और 324A जोड़ने के साथ-साथ इसका क्रियान्वयन कैसे होगा और इसके तहत क्या-क्या बदलाव होंगे?;
केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह प्रस्ताव पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसे लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में प्रस्तुत किया गया था. एक नया अनुच्छेद 82A शामिल किया जाएगा, जो ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के क्रियान्वयन के लिए कानूनी प्रक्रिया तय करेगा. रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना का उद्देश्य देश भर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनावों को एक साथ कराना है, जिससे संसाधनों की बचत और चुनावी प्रक्रिया में सुधार हो सके.
कैबिनेट में पेश की गई रिपोर्ट
18 सितंबर को, कोविंद समिति की रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई. इस रिपोर्ट को कैबिनेट के सामने प्रस्तुत करना कानून मंत्रालय के 100 दिनों के एजेंडे का हिस्सा था. रिपोर्ट में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के तरीके और संभावित संशोधनों पर विस्तृत चर्चा की गई है. सरकार इस योजना को दो चरणों में लागू करने का विचार कर रही है, जिसमें पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे, और दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव को एक साथ कराने की योजना है.
कैसे होगा कार्यान्वयन?
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के लिए कई संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता होगी. सबसे पहले, राज्यों के विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनावों के समानांतर कर दिया जाएगा. ऐसा करने के लिए राज्यों के चुनावी कार्यकाल को कम किया जाएगा ताकि वे लोकसभा चुनावों के साथ मेल खा सकें. इस प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा जाएगा. पहले चरण में, संसद और राज्य विधानसभाओं के चुनाव होंगे और दूसरे चरण में नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव होंगे.
संविधान संशोधन और नए प्रावधान
इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए दो संविधान संशोधन विधेयक पेश किए जाएंगे. पहला संशोधन संविधान में एक नया अनुच्छेद 82A शामिल करेगा, जो ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के क्रियान्वयन के लिए कानूनी प्रक्रिया तय करेगा. यह अनुच्छेद सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव लोकसभा के चुनाव के साथ कराने का आदेश देगा. यह विधेयक अनुच्छेद 327 में भी संशोधन करेगा, जो संसद को चुनावी प्रक्रियाओं से संबंधित कानून बनाने की शक्ति देता है, जिसमें मतदाता सूची तैयार करना और निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन शामिल है.
अनुच्छेद 82A
अनुच्छेद 82A के तहत पांच धाराएं प्रस्तावित हैं. पहली धारा के अनुसार, लोकसभा के चुनावों के बाद राष्ट्रपति एक अधिसूचना जारी करेंगे, जो इस अनुच्छेद को प्रभावी करेगी. इसके बाद सभी राज्यों की विधानसभाएं लोकसभा के कार्यकाल की समाप्ति पर स्वत: भंग हो जाएंगी. चुनाव आयोग को यह अधिकार होगा कि वह सभी राज्यों के चुनाव एक साथ कराने का आदेश दे. यदि किसी कारणवश एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं है, तो आयोग राष्ट्रपति को इसकी सिफारिश करेगा.
दूसरा संशोधन संविधान में अनुच्छेद 324A जोड़ेगा, जो नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ कराने का प्रावधान करेगा. इसके अलावा, सभी चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची रखने के लिए अनुच्छेद 325 में भी संशोधन किया जाएगा.
लंबी प्रक्रिया, लेकिन बड़ा कदम
इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए व्यापक बदलावों की आवश्यकता होगी. कई राज्यों की विधानसभाओं के कार्यकाल को कम किया जाएगा, और इसे लागू करने में कई राजनीतिक और कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन अगर इसे सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह देश की चुनावी प्रक्रिया में बड़ा सुधार होगा, जिससे समय, धन और संसाधनों की बचत होगी.