कश्मीर के पहलगाम में टारगेट हिंदू, आतंकी हमले को किस नजरिए से देख रहे ये मुस्लिम देश?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ हालिया आतंकी हमला न केवल एक सुरक्षा संकट है, बल्कि एक सभ्यता और मानवता की चुनौती बनकर सामने आया है. पर्यटकों से भरे इस शांतिपूर्ण पहाड़ी शहर में आतंकियों ने सेना की वर्दी में घुसकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. ऐसे में यह देखना अहम है कि इस हमले पर मुस्लिम राष्ट्रों ने कैसी प्रतिक्रिया दी?;
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ हालिया आतंकी हमला न केवल एक सुरक्षा संकट है, बल्कि एक सभ्यता और मानवता की चुनौती बनकर सामने आया है. पर्यटकों से भरे इस शांतिपूर्ण पहाड़ी शहर में आतंकियों ने सेना की वर्दी में घुसकर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने धर्म पूछकर लोगों को गोली मारी.यह कोई आम आतंकी हमला नहीं, बल्कि सुनियोजित सांप्रदायिक नरसंहार था, जिसमें 28 निर्दोष लोग, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे, मारे गए.
हमले की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सऊदी अरब दौरा बीच में ही छोड़ने का फैसला किया और तुरंत भारत लौटे. इस घटना के बाद न केवल भारत शोक में डूबा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है. खासकर मुस्लिम देशों की प्रतिक्रियाओं को लेकर यह सवाल उठ रहा है कि क्या वे इस सांप्रदायिक आतंकवाद की निंदा उसी दृढ़ता से करेंगे. ऐसे में यह देखना अहम है कि इस हमले पर मुस्लिम राष्ट्रों ने कैसी प्रतिक्रिया दी?
1. सऊदी अरब का रुख-
सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति संवेदना जताई और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का संकल्प दोहराया. सऊदी नेतृत्व का यह रुख आतंकवाद के खिलाफ उसके निरंतर कड़े स्टैंड को दर्शाता है.
2. ईरान की प्रतिक्रिया-
नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया. ईरान ने पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. ईरान ने हमले को 'निर्दोष लोगों पर बर्बर हमला' बताया और इसे मानवता के खिलाफ अपराध की संज्ञा दी.
3. पाकिस्तान के भीतर की प्रतिक्रिया-
पाकिस्तान में इस हमले को लेकर दो तरह की प्रतिक्रियाएं देखी गईं. पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता शेरी रहमान ने हमले की निंदा तो की, लेकिन भारत पर बिना जांच-पड़ताल के पाकिस्तान पर दोष मढ़ने का आरोप लगाया. पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और फवाद चौधरी ने भारत की प्रतिक्रिया को आक्रामक और अव्यवस्थित बताया. उन्होंने इसे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने की कोशिश करार दिया.
4. पाकिस्तानी सेना और कट्टर विचारधारा-
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर के 'टू नेशन थ्योरी' वाले भाषण को लेकर भारी विवाद हुआ. उन्होंने हिन्दू-मुसलमान के बीच फर्क को रेखांकित करते हुए कश्मीर को 'गले की नस' बताया और कश्मीरी मुसलमानों के लिए 'जंग' का संकेत दिया.कई पाकिस्तानी बुद्धिजीवियों और पत्रकारों ने इस बयान की आलोचना की और कहा कि इससे पाकिस्तान में हिन्दुओं के प्रति नफरत बढ़ सकती है.
पहलगाम में आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तानी अखबार ने क्या छापा?
5. मुस्लिम बुद्धिजीवियों और स्कॉलर्स की प्रतिक्रिया-
पाकिस्तान की सूफ़ी स्कॉलर सबाहत ज़कारिया और निर्वासित पत्रकार ताहा सिद्दीकी जैसे लोगों ने जनरल मुनीर के बयानों की आलोचना की.उन्होंने कहा कि इस तरह की विचारधारा से युवाओं का ब्रेनवॉश हो रहा है और पाकिस्तान का सामाजिक ताना-बाना कमजोर हो रहा है.इन स्कॉलर्स ने चेताया कि कश्मीर के नाम पर नफ़रत फैलाना, पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को और धूमिल करेगा.