Mobile on Loan: लोन पर मोबाइल फोन लेने वाले कान खोल कर सुन लें, अगर समय पर नहीं भरी EMI तो...

RBI एक नया नियम लाने की तैयारी में है, जिसके तहत लोन पर खरीदे गए फोन को EMI डिफॉल्ट होने पर रिमोटली लॉक किया जा सकेगा. नया नियम लेंडर्स की रिकवरी प्रक्रिया तेज करने के साथ-साथ ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा. ग्राहकों को EMI समय पर चुकाना अनिवार्य होगा और इंस्टॉल ऐप को सुरक्षित रखना होगा.;

( Image Source:  Sora AI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 13 Sept 2025 3:15 PM IST

अगर आपने भी लोन पर स्मार्टफोन खरीदा है, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस समय एक नया नियम लागू करने की योजना बना रहा है, जिसके तहत यदि कोई ग्राहक अपनी ईएमआई समय पर नहीं चुका पाता है, तो उसका फोन रिमोटली लॉक किया जा सकेगा. इसका मतलब है कि डिफॉल्ट होने की स्थिति में ग्राहक अपने फोन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. यह कदम बढ़ते लोन डिफॉल्ट मामलों और लैंडर्स की रिकवरी को आसान बनाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है.

2024 में होम क्रेडिट फाइनेंस की एक स्टडी में यह सामने आया था कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, विशेषकर मोबाइल फोन, का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पर्सनल लोन पर खरीदा जाता है. टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI के अनुसार, भारत में 1.16 अरब मोबाइल कनेक्शन हैं, जबकि देश की कुल आबादी लगभग 1.4 अरब है. ऐसे में अगर डिफॉल्ट मामलों पर नियंत्रण नहीं रखा गया, तो वित्तीय संस्थाओं को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

पहले भी लोन पर खरीदे गए फोन में एक विशेष ऐप इंस्टॉल किया जाता था, जो EMI डिफॉल्ट होने पर फोन को लॉक कर देता था. लेकिन पिछले साल RBI ने इस प्रैक्टिस पर रोक लगा दी थी और बैंकों और NBFCs को निर्देश दिया कि वे ऐसा करना बंद करें. अब RBI इस प्रक्रिया को फिर से लागू करने की सोच रहा है. नई गाइडलाइन अगले कुछ महीनों में जारी होने की संभावना है.

कैसे काम करेगा नया मैकेनिज्म?

नए मैकेनिज्म के तहत, लोन लेने के समय फोन में एक ऐप इंस्टॉल होगा. अगर ग्राहक EMI समय पर नहीं चुका पाता, तो ऐप के माध्यम से फोन को रिमोटली लॉक किया जाएगा. लेकिन इस बार RBI खास ध्यान देगा कि ग्राहक की व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहे. लेंडर्स को केवल लोन की रिकवरी तक ही अधिकार होगा और ग्राहक के डेटा तक उनकी पहुंच नहीं होगी.

RBI ने डेटा प्राइवेसी को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है. ग्राहक का डेटा सुरक्षित रहेगा और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. इसके अलावा, यह नया नियम बैंकों और NBFCs के लिए लाभकारी होगा, क्योंकि इससे लोन रिकवरी तेजी से होगी और खराब क्रेडिट वाले ग्राहकों को भी लोन देने में आसानी होगी.

कौन-कौन से लेंडर्स प्रभावित होंगे?

यदि यह नियम लागू होता है, तो प्रमुख उपभोक्ता ऋणदाता जैसे बजाज फाइनेंस, डीएमआई फाइनेंस और चोलामंडलम फाइनेंस सीधे इसका लाभ उठा सकते हैं. इससे न केवल उनकी रिकवरी प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि छोटे और मध्यम लोन की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी.

ग्राहकों के लिए सावधानियां

  • EMI समय पर चुकाना अनिवार्य होगा.
  • लोन पर लिए गए फोन में इंस्टॉल ऐप को अनइंस्टॉल न करें.
  • अपने डेटा की सुरक्षा के लिए RBI और लेंडर द्वारा जारी गाइडलाइन को फॉलो करें.
  • किसी भी डिफॉल्ट से बचने के लिए अपने बजट और खर्च पर नियंत्रण रखें.

यह नया नियम न सिर्फ वित्तीय संस्थाओं की सुरक्षा करेगा, बल्कि ग्राहकों को भी उनके दायित्वों के प्रति सजग करेगा. इस कदम से भारत में मोबाइल फाइनेंस और उपभोक्ता ऋण की दुनिया में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है.

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