अब ट्रैफिक नियम तोड़ने पर सिर्फ चालान नहीं, लाइसेंस भी खतरे में! सरकार ला रही है 'नेगेटिव प्वाइंट' सिस्टम

अब ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर लाइसेंस भी कैंसिल हो सकता है. इसके लिए सरकार नेगेटिव प्वाइंट शुरू करने वाली है, जिसमें हर बार नियम न मानने पर आपके ड्राइविंग लाइसेंस पर नेगेटिव पॉइंट जुड़ेगा. इसलिए अब तेज रफ्तार में गाड़ी न चलाएं. साथ ही, रेड लाइट भी क्रॉस न करें.;

( Image Source:  Sora - AI )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 3 Dec 2025 5:06 PM IST

अगर आप सिग्नल जंप करते हैं. तेज़ गाड़ी चलाते हैं या बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं, तो अब सिर्फ चालान कटने से काम नहीं चलेगा. सड़क परिवहन मंत्रालय एक नया नियम लाने की तैयारी में है, जिसमें ऐसे गलत ड्राइवर्स के ड्राइविंग लाइसेंस  पर नेगेटिव पॉइंट्स जोड़े जाएंगे.

इस हफ्ते सरकार ने इस योजना का पूरा खाका राज्य सरकारों, ट्रैफिक एक्सपर्ट्स और कई संगठनों के साथ एक मीटिंग में शेयर किया है. इसके जरिए सड़क पर सुरक्षा और अनुशासन को मज़बूत बनाना है. चलिए जानते हैं ट्रैफिक से जुड़े नए रूल्स के बारे में. 

कैसे काम करेगा ये सिस्टम?

हर बार जब आप कोई ट्रैफिक नियम तोड़ेंगे, जैसे रेड लाइट तोड़ना, तेज रफ्तार में गाड़ी दौड़ाना, या गलत दिशा में चलना, तो आपके ड्राइविंग लाइसेंस पर एक नेगेटिव पॉइंट्स जुड़ जाएगा. जब ये पॉइंट एक तय सीमा से ज़्यादा हो जाएंगे, तो आपका लाइसेंस सस्पेंड या रद्द भी किया जा सकता है. ये प्वाइंट्स मौजूदा चालान और जुर्माने के अलावा होंगे यानि सज़ा दोहरी होगी.

दोबारा देना होगा ड्राइविंग टेस्ट 

अगर आप ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं और सोचते हैं कि लाइसेंस रिन्यू करवा लेना आसान रहेगा, तो ज़रा रुकिए. सरकार ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा एक बड़ा नियम बदलने जा रही है. अभी तक होता ये है कि अगर कोई व्यक्ति अपने डीएल की समाप्ति से पहले उसे रिन्यू करवाने के लिए अप्लाई करता है, तो उसे ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ती थी. लेकिन नई योजना के तहत अगर आपने रूल्स तोड़े हैं, तो रिन्यूअल से पहले ड्राइविंग टेस्ट देना जरूरी होगा. चाहे आपने समय पर अप्लाई क्यों न किया हो.

लर्नर्स लाइसेंस भी होगा जरूरी

इतना ही नहीं, सरकार अब छोटे इलेक्ट्रिक गाड़ियों (1,500 वॉट से कम और अधिकतम रफ्तार 25 किमी/घंटा) चलाने वालों के लिए भी लर्नर्स लाइसेंस अनिवार्य करने जा रही है. जल्द ही लर्नर्स लाइसेंस पाने के लिए भी कैटेगरी के हिसाब से एलिजिबिलिटी नियम लागू किए जाएंगे, ताकि हर ड्राइवर अपनी गाड़ी की क्षमता के हिसाब से ज़िम्मेदारी समझे.

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