GF, Sex और अमीर लड़की से शादी... BTech स्‍टूडेंट के 10 साल का प्‍लान देख इंटरनेट में मचा बवाल! Post Viral

नेपाल की राजनीति में हिंसा और अस्थिरता के बीच Gen-Z के युवाओं ने पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अपना भरोसेमंद नेतृत्व चुना है. कोई भी राजनीतिक दल से जुड़ा नेता नहीं चुना गया ताकि आंदोलन निष्पक्ष और गैर-राजनीतिक रहे. सुशीला कार्की न्यायप्रिय और निष्पक्ष छवि वाली सिविक एक्टिविस्ट हैं. अब चर्चा है कि वे देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बन सकती हैं.;

( Image Source:  reddit )
By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 10 Sept 2025 7:10 PM IST

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक बीटेक छात्र की 10 साल बाद की ज़िंदगी को लेकर लिखी गई प्लानिंग जमकर चर्चा का विषय बनी हुई है. छात्र ने अपनी डायरी में साल 2025 से लेकर 2035 तक की पूरी स्क्रीप्ट तैयार की है, जिसमें पढ़ाई, जिम, इन्वेस्टमेंट से लेकर एक अमीर लड़की से शादी करने तक के सपने शामिल हैं.

यह नोट छात्र के रूममेट ने Reddit पर शेयर किया, जिसके बाद से यह वायरल हो गया. इस प्लान ने जहां कुछ लोगों को हैरान किया, वहीं कई यूज़र्स ने इसे 'डेल्यूज़न' करार दिया और जीवन को लेकर इतनी सख्त प्लानिंग पर सवाल खड़े किए.

10 साल की प्लानिंग में क्या-क्या शामिल?

डायरी में छात्र ने साफ लिखा कि वह 'खूब मेहनत से पढ़ाई करना, 'सिर्फ एक चीज़ पर ध्यान देनापर फोकस”, “exams में टॉपर बनना”, “sleep से समझौता नहीं करना”, “जिम जाना”, “अमीर लड़की से शादी करना', 'रियल एस्टेट में पैसा लगाना”, '20 देशों की यात्रा करना' और 'diligently काम करना' चाहता है.

रोज़ाना की डिटेल शेड्यूल भी लिखा

छात्र ने अपनी डायरी में सुबह 5:30 बजे उठने, जिम जाने और स्किल्स हासिल करने का डेली शेड्यूल भी बनाया। उसका मानना है कि इस रूटीन से वह हर लक्ष्य को हासिल कर पाएगा और अगले दस सालों में अपनी पूरी ज़िंदगी सेट कर लेगा.

यूज़र्स ने उड़ाया मज़ाक

हालांकि, इंटरनेट यूज़र्स इस प्लान को देखकर ज्यादा प्रभावित नहीं हुए. एक यूज़र ने लिखा कि “0 (चांस), लंबे समय की प्लानिंग कभी काम नहीं आती. मुझे खुशी है कि मैंने ये बात एक साल पहले समझ ली. ये सही है कि आपको अपने भविष्य की एक लंबी विज़न रखनी चाहिए कि आप क्या बनना चाहते हैं, लेकिन पूरी ज़िंदगी की प्लानिंग करना मुमकिन नहीं. लोगों की चीज़ों में रुचि बदल जाती है, प्राथमिकताएं बदल जाती हैं, नए रिश्ते बनते हैं और पुराने टूट जाते हैं, वगैरह-वगैरह.'

एक अन्य ने तंज कसते हुए कहा कि 'ये सरासर भ्रम है. मैंने भी कुछ समय पहले यही किया था, 1.5-2 साल की प्लानिंग बनाई थी और बुरी तरह नाकाम रहा. अपनी पूरी ज़िंदगी की प्लानिंग मत करो! बेहतर है कि आप डेली/वीकली/मंथली गोल्स तय करो. आपको पता ही नहीं कि आप कितनी तेज़ या धीमी गति से आगे बढ़ोगे. आपको नहीं पता कि आने वाले समय में आपकी प्राथमिकताएं बदल जाएंगी या नहीं. आप नहीं जानते कि एक-दो साल बाद आपकी मानसिक स्थिति क्या होगी। ज़िंदगी पूरी तरह से अप्रत्याशित है. पहले से पूरी ज़िंदगी की प्लानिंग करना मूर्खता है.'

लोग बोले- क्या सच में पूरी कर पाएगा यह प्लान? एक यूज़र ने मज़ाकिया अंदाज़ में पूछा, “What are the odds of him completing this? इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या युवा वाकई अपनी ज़िंदगी को इतनी सख्ती से प्लान कर सकते हैं या जीवन की अनिश्चितताओं में यह सब बस कागज़ पर ही रह जाता है.

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