कौन है Foreign Official #1, जिसको अडानी ने दिए 1750 करोड़ रुपये? आंध्र प्रदेश से जुड़ा कनेक्शन

Adani Bribery Case: अडानी रिश्वतखोरी मामले में Foreign Official #1 का नाम सामने आ रहा है... कहा जा रहा है कि इसे अडानी ने 1750 करोड़ रुपये दिए हैं. आइए जानते हैं कि यह रहस्यमयी व्यक्ति कौन हैं...;

( Image Source:  ANI )

Adani Bribery Case: भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य व्यक्तियों पर घूस लेने और धोखाधड़ी का आरोप है. अमेरिकी अदालत की फाइलिंग से पता चलता है कि लगभग 1,750 करोड़ रुपये (करीब 228 मिलियन डॉलर) का भुगतान 'विदेश अधिकारी #1 (Foreign Official #1)- आंध्र प्रदेश सरकार के एक उच्च पदस्थ अधिकारी' को किया गया था. यह रकम इसलिए दी गई थी, ताकिवह राज्य की वितरण कंपनियों को विनिर्माण से जुड़ी परियोजना के तहत सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) से सात गीगावाट सौर ऊर्जा खरीदने के लिए राजी करे.

हालांकि, अदालती दस्तावेजों में 'Foreign Official #1' और भारतीय ऊर्जा कंपनी की पहचान उजागर नहीं की गई. कहा गया कि उनकी पहचान ग्रैंड जूरी को पता है. फाइलिंग में कहा गया है कि Foreign Official #1 भारत का नागरिक था. उसने मई 2019 से जून 2024 तक आंध्र प्रदेश के एक उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी के रूप में कार्य किया.

अडानी ने Foreign Official #1 से की मुलाकात

'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालती दस्तावेजों में कहा गया है कि गौतम अडानी ने SECI और आंध्र प्रदेश की राज्य बिजली वितरण कंपनियों के बीच पीएसए के निष्पादन को आगे बढ़ाने के लिए आंध्र प्रदेश में Foreign Official #1 से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की, जिसमें 7 अगस्त, 2021, 12 सितंबर, 2021 और 20 नवंबर, 2021 के आसपास की तारीखें शामिल हैं.

दस्तावेजों के मुताबिक, रिश्वतखोरी की योजना को आगे बढ़ाने के लिए, सह-षड्यंत्रकारियों ने गौतम अडानी, सागर अडानी, विनीत एस जैन और अन्य के माध्यम से भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 2,029 करोड़ रुपये (लगभग 265 मिलियन डॉलर) की रिश्वत की पेशकश की थी.. साथ ही, यह वादा किया था कि इसके बदले में भारतीय सरकारी अधिकारी राज्य बिजली वितरण कंपनियों को मैन्युफैक्चरिंग लिंक्ड प्रोजेक्ट के तहत बिजली बिक्री समझौते (PSA) करने के लिए मजबूर करेंगे... जिससे अडानी ग्रीन एनर्जी की सहायक कंपनियों को फायदा होगा.

हांगकांग में रहता है Co-Conspirator #1

फाइलिंग में कहा गया है, 'Co-Conspirator #1' यूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन का नागरिक था, जो हांगकांग में रहता था. लगभग अक्टूबर 2021 से अक्टूबर 2023 तक वह यूएस जारीकर्ता और यूएस जारीकर्ता की सहायक कंपनी के निदेशक मंडल का गैर-कार्यकारी अध्यक्ष था. वहीं, 'सह-षड्यंत्रकारी #2' भारत का नागरिक था, जो भारत में रहता था. जुलाई 2019 से अप्रैल 2022 तक, 'सह-षड्यंत्रकारी #2' ने यूएस जारीकर्ता और यूएस जारीकर्ता की सहायक कंपनी में उच्च-श्रेणी के कार्यकारी पदों पर कार्य किया.

रिश्वतखोरी की योजना के दौरान, सह-षड्यंत्रकारियों ने सरकारी अधिकारियों को भ्रष्ट तरीके से मनाने के लिए व्यापक प्रयास किए, ताकि राज्य बिजली वितरण कंपनियों को बिजली बिक्री समझौतों को निष्पादित करने के लिए मजबूर किया जा सके. उन्होंने अक्सर उन प्रयासों पर चर्चा की, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग भी शामिल था.

किन लोगों पर रिश्वत देने का लगा आरोप?

बुधवार को, न्यूयॉर्क में अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और छह अन्य लोगों पर राज्य बिजली वितरण कंपनियों के साथ 'आकर्षक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध' हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 2,029 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगाया. इसमें शामिल अन्य छह प्रतिवादियों में विनीत जैन (अडानी ग्रीन एनर्जी के सीईओ), रंजीत गुप्ता ( 2019 और 2022 के बीच एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के सीईओ) रूपेश अग्रवाल ( एज़्योर पावर के साथ 2022 और 2023 के बीच काम किया), सिरिल कैबनेस, (ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के नागरिक), सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा शामिल हैं. तीनों ने एक कनाडाई संस्थागत निवेशक के साथ काम किया.

अदालत में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने का वादा करने के बाद, जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच ओडिशा , जम्मू और कश्मीर, तमिलनाडु , छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश राज्यों और क्षेत्रों की बिजली वितरण कंपनियों ने मैन्युफैक्चरिंग लिंक्ड प्रोजेक्ट के तहत SECI के साथ बिजली बिक्री समझौते (PSA) किए.

आंध्र प्रदेश की बिजली कंपनियों ने PSA पर किए हस्ताक्षर

अदालत में दाखिल दस्तावेजों में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों ने 1 दिसंबर, 2021 को या उसके आसपास SECI के साथ एक PSA पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार राज्य लगभग सात गीगावाट सौर ऊर्जा खरीदने के लिए सहमत हुआ. यह किसी भी भारतीय राज्य या क्षेत्र की तुलना में अब तक की सबसे बड़ी मात्रा है.

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