SEC की जांच के घेरे में गौतम अडानी और भतीजे सागर, 21 दिनों में देना होगा जवाब
गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के सात अन्य निदेशकों पर आरोप है कि उन्होंने 2020 से 2024 के बीच सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की सहमति जताई. इसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट देखी गई.;
अडानी ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन गौतम अडानी तथा उनके भतीजे सागर को अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने तलब किया है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी.
SEC ने समन जारी कर उन्हें 21 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अडानी ग्रुप ने कहा कि वह मामले की जांच में सहयोग करेगा और सभी आरोपों पर उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करेगा.
क्या है आरोप?
गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के सात अन्य निदेशकों पर आरोप है कि उन्होंने 2020 से 2024 के बीच सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की सहमति जताई. इसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट देखी गई, हालांकि शुक्रवार को इसमें आंशिक सुधार हुआ.
21 दिनों के अंदर होना होगा पेश
21 नवंबर को न्यूयॉर्क की पूर्वी जिला अदालत के माध्यम से भेजे गए समन में कहा गया कि समन के 21 दिन के अंदर वादी (SEC) को शिकायत का जवाब देना होगा या संघीय सिविल प्रक्रिया के नियम 12 के तहत प्रस्ताव दाखिल करना होगा. यदि ऐसा नहीं किया गया, तो शिकायत में मांगी गई राहत के अनुसार फैसला सुनाया जाएगा.
अडानी ग्रुप ने क्या कहा?
अडानी ग्रुप के CFO जुगेशिंदर सिंह ने X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए बयान जारी किया. उन्होंने कहा, "अडानी ग्रुप की किसी भी कंपनी पर सीधे आरोप नहीं लगाए गए हैं.
यह मामला Adani Green के एक विशेष कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ा है, जो कंपनी के कुल कारोबार का मात्र 10% हिस्सा है. उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले से संबंधित विस्तृत जानकारी उपयुक्त समय और प्लेटफॉर्म पर साझा की जाएगी.